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ISBN : 978-93-6087-855-9

Category : Academic

Catalogue : Reference

ID : SB20895

सामाजिक कुरीतियां एवं समस्याएं

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डॉ. श्रीमती कामिनी जैन

Paperback

799.00

e Book

250.00

Pages : 442

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 799.00

About Book

भारतीय समाज में बहुत सारी कुरीतियां मध्यकाल से चली आ रही है। इन कुरीतियों को दूर करने के लिए समाज सुधारकों ने समय समय पर आंदोलन चलाए अपराध, मद्यपान, मादक द्रव्य व्यसन, वेरोजगारी, मानव एवं बाल तस्करी, कोरोना महामारी, बाल श्रम, घरेलू हिंसा, कन्या भू्रण हत्या, एड्स इत्यादि सामाजिक समस्याओं के उदाहरण हैं। समस्या वह दषा या स्थिति है जिसे समाज हानिकारक मानता है तथा उसके समाधान की आवष्यकता महसूस करता है। विश्व में जाने कितनी ही ऐसी कुप्रथाएं और कुरीतियां है जिनसे महिलाएं अपने जीवन में प्रताडित हो रहीं है। केवल शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक व भावनात्मक रूप से भी ऐसे कुरीतियां एवं समस्याएं स्वास्थ्य संबंधी मुष्किलों को बढ़ा सकती है। सदियों से चली आ रहीं ऐसी प्रथाएं एवं मान्यताएं है जो एक महिला की अंतरात्मा को खोखला कर देती है।


About Author

डॉ. श्रीमती कामिनी जैन का जन्म होषंगाबाद म.प्र. वर्तमान में नर्मदापुरम के के नाम से जाना जाता है ने बी.एस.सी.गृहविज्ञान, एम.एस.सी. गृहविज्ञान, बी.एड एवं पी.एच.डी. की उपाधियॉ प्राप्त की। इन्होने अपना शोध कार्य डॉ. आई. एस. चौहान पूर्व उच्चायुक्त फिजी पूर्व कुलपति बरकतउल्ला विष्वविद्यालय भोपाल एवं भोज मुक्त विष्वविद्यालय भोपाल के निर्देषन में किया। डॉ. जैन ने 1984 से अपनी शासकीय सेवाएँ सहायक प्राध्यापक पद से शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम म.प्र. से प्रारंभ की। वर्तमान में स्नातकोत्तर प्राचार्य के पद पर शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम म.प्र. में पदस्थ है। इनकी 37 से अधिक पुस्तकों का प्रकाषन हो चुका है। इनकी 50 बुकलेट, 112 प्रसार लेख एवं 100 से अधिक शोध उपाधियॉ एवं लघुषोध निर्देषन 50, लगभग 200 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाषन हो चुका है। इन्होने विष्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त 08 शोध परियोजनाओं एवं 09 राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा प्रदत्त शोध परियोजनाओं पर कार्य किया है। शोध के क्षेत्र में इनके योगदान को देखते हुए इन्हे रिसर्च लिंक स्वर्ण पदक, मदर टेरेसा अवार्ड, राजीव गॉधी ऐजुकेषन एक्सीलेंस अवार्ड, बेस्ट प्रिंसीपल अवार्ड रिसर्च ऐज्यूकेषन द्वारा 05 सितम्बर 2022 में एवं षिक्षा-रत्न पुरस्कार प्रदान किये गये है। आयुक्त म.प्र. शासनष्उच्च षिक्षा विभाग द्वारा इन्हे सत्र 2012-13 में इनके कुषल नेतृत्व एवं षिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के लिए प्रयास के लिए प्रषंसा पत्र प्रदान किया गया है।

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