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ISBN : 978-93-7462-014-4

Category : Academic

Catalogue : Reference

ID : SB21848

महिला उद्यमी : एक नई पहल

NA

डॉ श्रीमती कामिनी जैन

Paperback

599.00

e Book

399.00

Pages : 217

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 599.00

About Book

महिला उद्यमी न केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं, बल्कि वे समाज में रोजगार सृजन, नवाचार और सतत विकास में भी योगदान देती हैं। महिलाएँ कृषि, लघु उद्योग, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण और सेवा क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। भारत में महिला उद्यमिता आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनती जा रही है। समाज में व्यापक रूप से फैली बेरोज़गारी, गरीबी तथा सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक अवरोधों को दूर करने में महिला उद्यमिता एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है। महिला उद्यमिता कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में महिलाएँ निरंतर तरक्की के पथ पर आगे बढ़ रही हैं। ग्रामीण महिलाएँ यदि अपनी ऊर्जा और हुनर का प्रयोग करें, तो वे भी बड़े बदलाव की वाहक बन सकती हैं। उन्हें प्रोत्साहित करने का यही उचित समय है। इसके लिए किसी बड़े स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता नहीं, बल्कि एक छोटी पहल भी बहुत प्रभावी हो सकती है। आस-पास नज़र दौड़ाएँ — ऐसी कई महिलाएँ मिल जाएँगी जिनकी आँखों में कुछ नया करने की ललक है। महिला लघु उद्यमियों के लिए यह समय एक परिवर्तन बिंदु साबित हो रहा है। सरकारी समर्थन, डिजिटलीकरण और सामाजिक स्वीकृति में वृद्धि के कारण महिलाएँ लघु उद्योगों को केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक शक्तिशाली इंजन बना रही हैं। सफल होने के लिए महिला उद्यमियों को प्रौद्योगिकी अपनाने, गुणवत्ता बनाए रखने और नेटवर्किंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है


About Author

डॉ. श्रीमती कामिनी जैन का जन्म होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) में हुआ, जिसे वर्तमान में नर्मदापुरम के नाम से जाना जाता है। आपने बी.एस.सी., एम.एस.सी. (गृहविज्ञान), बी.एड. तथा पीएच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। आपका शोध कार्य डॉ. आई. एस. चौहान (पूर्व उच्चायुक्त, फिजी; पूर्व कुलपति, बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल) के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। डॉ. जैन ने वर्ष 1984 में अपनी शासकीय सेवा की शुरुआत सहायक प्राध्यापक के रूप में शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, नर्मदापुरम (म.प्र.) से की। वर्तमान में आप स्नातकोत्तर प्राचार्य के पद पर इसी महाविद्यालय में कार्यरत हैं। आपकी अब तक 43 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। इसके अतिरिक्त 50 बुकलेट, 112 प्रसार लेख, 100 से अधिक शोध उपाधियाँ, लगभग 50 लघु शोध निर्देशन तथा 200 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया जा चुका है। आपने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रदत्त 08 शोध परियोजनाओं एवं राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल द्वारा प्रदत्त 09 शोध परियोजनाओं पर सफलतापूर्वक कार्य किया है। शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आपको कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें प्रमुख हैं — रिसर्च लिंक स्वर्ण पदक, मदर टेरेसा अवार्ड, राजीव गांधी एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड, बेस्ट प्रिंसिपल अवार्ड (5 सितम्बर 2022) तथा शिक्षा रत्न पुरस्कार। मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2012-13 में आपके कुशल नेतृत्व एवं शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार हेतु प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया। वर्तमान सत्र 2025 में, डॉ. श्रीमती कामिनी जैन का जीवन-वृत्तांत अंतरराष्ट्रीय पुस्तक “Asian Admirable Achievers (Volume 08)” में प्रकाशित हुआ है।

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