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ISBN : 978-93-6087-642-5
Category : Academic
Catalogue : Economy
ID : SB21249

’’ एकीकृत कृषि: सह - व्यवसाय ’’

NA

डॉ. श्रीमती कामिनी जैन

Paperback
799.00
e Book
300.00
Pages : 428
Language : Hindi
PAPERBACK Price : 799.00

About author : डॉ. श्रीमती कामिनी जैन का जन्म होशंगाबाद म.प्र. वर्तमान में नर्मदापुरम के नाम से जाना जाता है ने बी.एस.सी.गृहविज्ञान, एम.एस.सी. गृहविज्ञान, बी.एड एवं पीएच.डी. की उपाधियॉ प्राप्त की। इन्होने अपना शोध कार्य डॉ. आई. एस. चौहान पूर्व उच्चायुक्त फिजी पूर्व कुलपति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल के निर्देशन में किया। डॉ. जैन ने 1984 से अपनी शासकीय सेवाएं सहायक प्राध्यापक पद से शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम म.प्र. से प्रारंभ की। वर्तमान में स्नातकोत्तर प्राचार्य के पद पर शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम म.प्र. में पदस्थ है। इनकी 41 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। इनकी 50 बुकलेट, 112 प्रसार लेख एवं 100 से अधिक शोध उपाधियॉ एवं लघुशोध निर्देशन 50, लगभग 200 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन हो चुका है। इन्होने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त 08 शोध परियोजनाओं एवं 09 राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा प्रदत्त शोध परियोजनाओं पर कार्य किया है। शोध के क्षेत्र में इनके योगदान को देखते हुए इन्हे रिसर्च लिंक स्वर्ण पदक, मदर टेरेसा अवार्ड, राजीव गॉधी ऐजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड, बेस्ट प्रिंसीपल अवार्ड रिसर्च ऐजुकेशन द्वारा 05 सितम्बर 2022 में एवं शिक्षा रत्न पुरस्कार प्रदान किये गये है। आयुक्त म.प्र. शासकीय उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इन्हे सत्र 2012-13 में इनके कुशल नेतृत्व एवं शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के लिए प्रयास के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया है। डॉ. श्रीमती कामिनी जैन Email – kaminijain2929@gmail.com Mobile – 9425044500 Website – drkaminijain.in

About book : एकीकृत कृषि प्रणाली से तात्पर्य कृषि की उस प्रणाली से है जिसमे में कृषि के विभिन्न घटक जैसे फसल उत्पादन, पशुपालन, फल तथा सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, वानिकी, इत्यादि को इस प्रकार समेकित किया जाता है कि वे एक दूसरे के पूरक हों । जिससे संसाधनो की क्षमताओं उत्पादकता, लाभप्रदाता में पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए वृद्धि की जा सके। एकीकृत कृषि प्रणाली में विभिन्न उद्यम आपस में परस्पर संपूरक और सहजनात्मक संबंध स्थापित करके कृषि लागत में कमी लाते हुए आय एवं रोजगार में वृद्धि करते हैं।

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