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ISBN : 978-93-6087-283-0

Category : Academic

Catalogue : Social

ID : SB20959

वैदिक यज्ञ का वैज्ञानिक विवेचन

NA

प्रो. सुभाष चन्द्र शास्त्री

Paperback

299.00

e Book

149.00

Pages : 113

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 299.00

About Book

वैदिक साहित्य हमारे पूर्वज महामनीषियों ऋषियों द्वारा प्रणीत हैं। उन्होंने बहुत विचार मंथन के पश्चात् यह बात कही कि "स्वर्गकामो यजेत" एवं "यज्ञो वै श्रेष्ठतमम् कर्म"। अर्थात् सुख की कामना करने वाला यज्ञ अवश्य करें । महर्षि याज्ञवल्क्य कहते हैं-यदि किसी व्यक्ति को यज्ञ करने के लिए किसी प्रकार की सामग्री ना भी मिले तो वह ध्यानस्थ होकर मन से भी यज्ञ कर सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता में जिस ग्रंथ को हम सभी असाधारण एवं प्रामाणिक मानते हैं, वहां पर भी विस्तार से यज्ञ की विशेषता बताई गई है। यज्ञ से आध्यात्मिक, आधिदैविक एवं आधिभौतिक लाभ मिलते हैं। प्रस्तुत ग्रंथ में इन्हीं विषयों पर विचार विमर्श किया गया है।


About Author

"वैदिक यज्ञ का वैज्ञानिक विवेचन" ग्रंथ के लेखक प्रो.सुभाष चंद्र शास्त्री हैं। इनका जन्म उड़ीसा में बरगढ़ जिला के डंगाघाट ग्राम में हुआ। इन्होंने गुरुकुल गौतम नगर दिल्ली में आचार्य तक की पढ़ाई की। तत्पश्चात दिल्ली विश्वविद्यालय से एम्.ए., एम्.फिल्. एवं पीएच् .डी. की उपाधि प्राप्त की। सन 1999 में महाविद्यालय शाखा राजस्थान में चयनित होकर विभिन्न महाविद्यालयों में सहायक आचार्य,सह आचार्य एवं आचार्य रहे। वर्तमान में नीमराना के राजकीय महाविद्यालय में प्राचार्य पद पर कार्य कर रहे हैं।

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