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ISBN : 978-93-7462-675-7

Category : Academic

Catalogue : Social

ID : SB21846

ध्यान: राजनीति की आधारशिला

आचार्य रजनीश की देशना के प्रकाश में

डॉ रवि प्रकाश गुप्ता

Paperback

250.00

e Book

99.00

Pages : 103

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 250.00

About Book

"ध्यान: राजनीति की आधारशिला (आचार्य रजनीश की देशना के प्रकाश में )" पुस्तक ओशो के विचारों के आलोक में प्रस्तुत की जा रही है। ओशो कहते हैं कि अंदर परिवर्तन किए बिना बाहरी परिवर्तन की आशा करना व्यर्थ है। संत के राजनीति में प्रवेश करने पर ही राजनीति सेवा बन सकेगी अन्यथा वह शोषण ही रहेगी। संत से ओशो का अभिप्राय परंपरागत संत से नहीं है। संत का तात्पर्य कलाकार, वैज्ञानिक या चेतनाशील लोगों से है। आना–पान सती ध्यान एक ऐसी ध्यान विधि है, जो हमारे भीतर विचारों के कोलाहल को कम करके शांति प्रदान करती है। यदि व्यक्ति शांत होगा, तो राजनीति में भी बदलाव आएगा। शांत व्यक्ति की दृष्टि सामान्य की तुलना में ज्यादा स्पष्ट होगी। पुस्तक आपके लिए उपयोगी है यदि – आप राजनीति की संपूर्ण प्रक्रिया पर नए सिरे से विचार करने के लिए उत्सुक हैं। – आप राजनीति को गढ़ने के लिए इच्छुक हैं । – आप राजनीति में बदलाव के इच्छुक हैं। – यदि आप राजनीति में भागीदारी के इच्छुक हैं। – आप समाज निर्माण में सहभागिता के इच्छुक हैं।


About Author

डॉ रवि प्रकाश गुप्ता वर्तमान में पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय बालिका महाविद्यालय, सेवापुरी, वाराणसी में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ रवि प्रकाश गुप्ता को उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में 25 वर्षों के अध्यापन का अनुभव प्राप्त है। डॉ रवि प्रकाश गुप्ता ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से कला में स्नातक, राजनीति विज्ञान में परा स्नातक, शिक्षा में स्नातक, , पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। आपने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय से " पंचायतों में महिलाओं की भूमिका ( काशी विद्यापीठ ब्लाक के विशेष संदर्भ में)" विषय पर शोध किया। लेखक ओशो ( आचार्य रजनीश ) के क्रांतिकारी विचारों से बचपन से ही प्रभावित रहे हैं। ओशो ने लेखक के जीवन के सभी आयामों को प्रभावित किया। ओशो निर्देशित ’आनापान सती ध्यान’ से उनकी ध्यान यात्रा प्रारंभ हुई। श्री सत्य नारायण गोयनका जी के विपश्यना केंद्रों से आनापान सती ध्यान के आवासीय ध्यान शिविरों में सहभागिता की। लेखक का वाराणसी में 2017 से ब्रह्मर्षि पितामह श्री सुभाष पत्री और। *"पिरामिड स्पिरिचुअल सोसायटी मूवमेंट"* से संपर्क हुआ। पिरामिड स्पिरिचुअल सोसायटी मूवमेंट के साथ ध्यान और ज्ञान सीखने और लोगों के साथ साझा करने का कार्य अनवरत जारी है। डॉ रवि प्रकाश गुप्ता *"स्पिरिचुअल टेबलेट"* के संस्थापक डॉ गोपाल कृष्णा से गहरे में प्रभावित हैं। लेखक ओझीमा (ओशी झेन योग मार्शल आर्ट्स ) के संस्थापक श्री उमेश रोहित जी से निरंतर सीखते रहते हैं। लेखक का अत्यंत निकट का जुड़ाव *"तीसरी सरकार अभियान"* के संस्थापक डॉ चंद्रशेखर प्राण से है। तीसरी सरकार अभियान पंचायतों के संस्थात्मक विकास के लिए वर्षों से कार्य कर रही है। लेखक पिछले कुछ समय से *"पंच परमेश्वर विद्यापीठ"* के मानद सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं। लेखक वर्षों से *"द व्योम ग्रुप ट्रस्ट"* नामक संगठन के माध्यम से योग, प्राणायाम और ध्यान की गतिविधियों का कार्य कर रहे हैं। ’द व्योम ग्रुप ट्रस्ट’ एक गैर लाभकारी संगठन है, जो योग, ध्यान और शिक्षा की दिशा में कार्य कर रही है। लेखक *"स्व स्थित वेलनेस सेंटर"* से संबद्ध हैं, जो पंचकर्म चिकित्सा, ओझिमा / आध्यात्मिक मार्शल आर्ट्स, योग–ध्यान आदि गतिविधियों में संलग्न है। लेखक संविधान, महिला एवं समकालीन राजनीतिक विषयों पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सेमिनार संगोष्ठी का आयोजन करते रहे हैं। लेखक लंबे समय से राजनीति में शुद्धिकरण के उपायों की खोज के लिए चिंतन, मनन करते रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक भी इसी दिशा में एक प्रयास है।

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