ISBN : 978-93-6087-006-5
Category : Academic
Catalogue : Social
ID : SB21023
Paperback
349.00
e Book
150.00
Pages : 163
Language : Hindi
विश्व के प्रायः सभी धर्मों (मतों, संप्रदायों )के केंद्र में ईश्वर है। उस परम शक्ति के विभिन्न धर्मानुसार अनेक नाम प्रचलित हैं परन्तु ईश्वर के अस्तित्व, स्वरूप और आवश्यकता आदि विषयों पर पृथक् पृथक् मान्यता दृष्टिगोचर होती हैं। महर्षि दयानन्द की मान्यता अनुसार वेदों में मूर्ति पूजा ,मृतक श्राद्ध, पशु हिंसा ,बलि प्रथा , इतिहास आदि का वर्णन नहीं है । ईश्वर के स्वरूप के सम्बन्ध में विभिन्न भ्रान्त धारणाएं अवतारवाद ,अनेकेश्वरवाद व बहुदेवतावाद आदि का महर्षि दयानंद की वेदव्याख्या अनुसार विश्लेषण करते हुए वेदों, ब्राह्मण ग्रन्थों , आरण्यक ग्रन्थों, दर्शनों, उपनिषदों आदि के प्रमाणों के आधार पर ईश्वर के यथार्थ स्वरूप को दर्शाने का यथा संभव प्रयास किया गया है।