ISBN : 978-93-6087-099-7
Category : Non Fiction
Catalogue : Self Help
ID : SB21716
5.0
Hardcase
1500.00
e Book
199.00
Pages : 95
Language : Hindi
"ज़िंदगी — अधूरी ख्वाहिशों का सफर" एक ऐसी पुस्तक है जो हमारे जीवन के उन सभी पहलुओं को बहुत भावनात्मक और सच्चाई के साथ छूती है, जिनसे हम अक्सर अनजाने में या मजबूरी में गुज़रते हैं। बचपन की मासूम शाम से लेकर टूटी उम्मीदों तक, इस पुस्तक में हर अध्याय ज़िंदगी की किसी ना किसी अधूरी कहानी को बयां करता है। कभी यह कहती है कि इंसान ज़िंदा होते हुए भी जीना भूल जाता है, तो कभी यह सपनों की राख में जलती उम्मीदों की बात करती है। इसमें टूटे रिश्तों का दर्द है, खुद से गिरने की तकलीफ है और समाज की सोच के ताने-बाने में उलझी वो ज़िंदगी है, जो कभी खुद से लड़ती है तो कभी दूसरों से। इसमें उस इंसान की आवाज़ है जो ज़िंदगी की काली रात में अकेला खड़ा है, जब अपने ही पराया बना देते हैं। यह पुस्तक बताती है कि आज का हर पल जीने लायक है, उड़ने की उम्मीद अभी बाकी है, और सबसे अहम बात यह कि दुनिया क्या सोचती है, उससे ज़्यादा ज़रूरी है कि आप खुद अपने बारे में क्या सोचते हैं। एक मुठ्ठी आसमान पाने की चाह हो या बारिश में भीगते सपनों की कहानी, हर लफ्ज़ में सच्चाई है। रिश्तों के कत्ल, टूटे सपनों, गुलाम सोच, और बेरुखी सितारों के बीच भी यह पुस्तक बताती है कि जुनून से बड़ी कोई डिग्री नहीं होती। यह यात्रा है अंधेरे से उजाले तक, जहां पाश की आवाज़ क्रांति बनकर गूंजती है और आखिर में हमें यह एहसास होता है कि कुछ रिश्ते शब्दों से परे अमर हो जाते हैं।