उच्च प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शिका
5.0
About book : इतिहास एक दर्शन है। इसमें वर्तमान को अतीत का चेहरा दिखाया जाता है। इसमें अतीत अपने अनुभवों का वर्तमान के साथ साझा करता है जिसके फलस्वरूप वर्तमान एक सुदृढ आधार से परिष्कृत होता हुआ भविष्य का पथ-पर्दशक बनता है। इस प्रकार समय और जीवन की समरसता में इतिहास की अहम भूमिका होती है। इसी समरसता को बनाये रखने के लिए इतिहास विषय ने शैक्षिक व प्रतियोगिता पाठ्यक्रम में अपनी जगह बना रखी है। यह पुस्तक उच्च प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में लिखी गयी है। यह मानते हुए कि प्रश्नोŸारी विधी किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में विचार उन्नयन का उŸाम आधार बनती है, यह पुस्तक प्रश्नोŸारी विधी में लिखी गयी है। यह प्रतियोगी शिक्षण में मेरे लम्बे अनुभव का प्रतिफल है। इस पूस्तक के निर्बाध लेखनकार्य के लिए मैं अति आभारी हूं मेरे पति श्री कमलेश कुलहरी की जिन्होंने मुझे सदैव लेखनकार्य के लिए प्रेरित किया। साथ में ही, भाषायी शुद्वता के लिए मैं मेरी पुत्री कपिला व भूमिका की आभारी हॅूं, और आभारी हूं मैं मेरे उन तमाम विद्यार्थियों की जिन्होंने मुझसेे यह लेखन कार्य करने का बार बार निवेदन किया। इस पुस्तक को और अधिक सुदृढ बनाने के लिए सभी पाठकों के सुझावों का स्वागत है।
About author : श्रीमति सुलोचना चौधरी का जन्म राजस्थान प्रान्त के झंझनू शहर में 03 अक्टूबर 1970 को एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। अपने अध्ययन काल के दौरान एक मेधावी छात्रा होने के साथ-साथ आप सतरंज व खो-खो जैसे पारम्परिक खेलों की राज्यस्तरीय खिलाड़ी भी रही हैं। हिन्दी व इतिहास विषय में स्नातकोर उपाधी के साथ आप शिक्षा स्नातक हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लम्बे अनुभव के साथ-साथ आप को राजस्थान सरकार की सेवा में इतिहास विषय की अध्यापिका के रूप में ख्याति प्राप्त है।