पार्वती नदी सीहोर खण्डवा मालवा म प्र
5.0
About book : मेरी संस्कृति और नदी नाम से पुस्तक में नदी का हमारे जीवन में क्या योगदान और सनातन संस्कृति में इसका मानव जीवन पर प्रभाव इसके संस्कार के माध्यम से व्यक्तियों को जीवन में होने वाले परिवर्तन से लोगो में आगे बड़ने का मार्ग बताती है इसी प्रकार मालवा छेत्र से निकलने वाली नदी का भी सनातन संस्कृति के वेदों में उल्लेख का इस पुस्तक में सार सहित वर्णन है। इस पुस्तक के माध्यम से नदी पार्वती का वेदों में वर्णन होने से इस पवित्र नदी का भी वर्ष में एकबार त्योहार उत्सव के रूप में मनाना चाहिए ताकि जल संरक्षण वा पर्यावरण का भी लोगो के मन मे भाव जाग्रत हो सके। पार्वती नदी भी एक पवित्र पावन धारा है जिसे मालवा की गंगा भी कहते है। बारंबार प्रणाम नमामि देवी पार्वती हर हर महदेव
About author : लेखक की जन्मभूमि ग्राम खण्डवा जिला सीहोर मध्य प्रदेश में है ,लेखन के प्रति ज्यादा आध्यात्मिक क्षेत्र में रुझान रहा है स्वयं एक समाचार पत्र के संपादक भी है और कविता लिखना भी रुचि है आपकी हर रचना में भी आध्यात्मिकता दिखाई पड़ती है आपने बी. एस. सी.(गणित) एम. ए.(दर्शन शास्त्र) और विधी में एल.एल. बी.की शिक्षा की है।
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