ISBN : 978-81-19517-22-0
Category : Academic
Catalogue : Reference
ID : SB20617
Paperback
599.00
e Book
250.00
Pages : 197
Language : Hindi
इस पुस्तक के लेखन का उद्देष्य मषरूम की खेती में रूचि रखने वाले युवा मध्यम षिक्षित लोगों के लिए एक सरल संदर्भ में किया गया है। अधिकांष कृषक मषरूम की खेती से परिचित नहीं है अर्थात उनके पास मषरूम को कैसे और कहॉ उगाना है, इस बारे में ज्ञान और कौषल का अभाव है। ये पुस्तक उन लोगों के ज्ञान और कौषल को प्रभावित करने के लिए उपयोगी है जो मषरूम उत्पादन में उद्यम करना चाहते है। इस पुस्तक के लेखन का उद्देष्य किसानों और विद्यार्थियों को मषरूम उगाने के बारे में तकनीकि ज्ञान प्रदान करना है। पूरे भारत में मषरूम अपने भोजन के आकर्षण के साथ विटामिन और प्रोटीन के स्त्रोत के कारण एक लोकप्रिय खाद्य बन गया है। इसके पोषणीय महत्व के अलावा मषरूम का उत्पादन एक बहुत ही लाभकारी उद्यम है जिसमें न्यूनतम भूमि की आवष्यकता होती है। मषरूम जैविक खाद का एक मूल्यवान स्त्रोत है जो बागवानी फसल में उपयोग किया जाता है। देष भर में लोगों ने अपनी आय को बढ़ाने के लिए नई कृषि गतिविधियों को अपनाना शुरू कर दिया है जिसमें मषरूम उत्पादन भी शामिल है। इस पुस्तक के लेखन का उद्देष्य विद्यार्थियों, कृषकों एवं आमजन को मषरूम उत्पादन के प्रति जागरूक करना भी है। वर्तमान समय में मषरूम उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बढ़ गई है। मषरूम उत्पादन कर आर्थिक रूप से स्वावलंबी बना जा सकता है, क्योंकि इसके उत्पादन में खेत एवं विषिष्ट ज्ञान की आवष्यकता नहीं होती है। मशरूम की खेती हजारों वर्षों से विश्व भर में भोजन एवं औषधि दोनों रूपों में हो रही है। पहले मशरूम का सेवन विश्व के विशिष्ट प्रदेशों को क्षेत्रों तक ही सीमित था पर वैश्वीकरण के कारण विभिन्न संस्कृतियों के बीच संप्रेषण और बढ़ते हुए उपभोक्ताबाद में सभी क्षेत्रों में मशरूम की पहुंच को सुनिश्चित कर दिया है। मशरूम से बने व्यंजन तेजी से विभिन्न पाठ्य पुस्तकों और दैनिक उपयोग में अपना स्थान बना रहे हैं। मशरूम ने एक आम आदमी की रसोई में भी अपनी जगह बना ली है।