support@shashwatpublication.com +91 7000072109 B-75, Krishna Vihar, Koni, Bilaspur, C.G 495001
Mon - Sat 10:00 AM to 5:00 PM
Book Image
Book Image
Book Image

ISBN : 978-81-19517-08-4

Category : Non Fiction

Catalogue : Self Help

ID : SB20651

मानसिक सुकून:छोटे कदम, बड़े परिवर्तन

स्ट्रेस एंजायटी ओवरथिंकिंग डिप्रेशन और प्रोक्रेस्टिनेशन से दूरी कैसे बनाए।

Praveen Kumar Sundriyal

Paperback

225.00

e Book

51.00

Pages : 115

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 225.00

About Book

किताब लिखने का उद्देश्य हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को समझने, सुझाव देने में मदद प्रदान करेंगे। यह किताब हमें बताएगी कि छोटे-छोटे कदम लेकर हम अपने मानसिक सुख को कैसे प्राप्त कर सकते हैं और अपने विचारों और आचरण में कैसे बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। इसके माध्यम से, यह किताब हमें यह सिखाएगी कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर हम कैसे अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकते हैं। इस किताब में हम एक विस्तृत परिचय प्रदान करेंगे जो तनाव, एंजायटी(चिंता), ओवरथिंकिंग, डिप्रेशन और प्रोक्रेस्टिनेशन जैसे मानसिक मुद्दों को शामिल करेगा। हम यह समझाएंगे कि ये मुद्दे कैसे हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं और हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही, हम आपको सरल और प्रभावी उपायों, तकनीकों, और विचारशक्ति के निर्माण के लिए अभ्यासों के साथ परिचित कराएंगे। ये उपाय और तकनीकें आपको तनाव, चिंता, ओवरथिंकिंग, डिप्रेशन और प्रोक्रेस्टिनेशन के सामरिक सामग्री के साथ सुसंगत और आपके जीवन में सुख और स्वास्थ्य का विकास करने में मदद करेंगी। " मानसिक सुकून:छोटे कदम, बड़े परिवर्तन " एक प्रेरक और संवेदनशील पुस्तक है जो आपको मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करेगी ताकि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर, सुखी और समृद्ध बनाने के लिए सक्रिय रह सकें।


About Author

प्रवीन सुन्दरियाल, एक लाइफ कोच के रूप स्वयं को जाना जीवन में बहुत अलग-अलग तरह के कार्य सीखे एकाउंटिंग सीखी, एमबीए फाइनेंस किया कंप्यूटर सीखा कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपर के कार्य सीखे। Networkmarketing में आए तो लीडर के रूप में कार्य करना सीखा। सरकारी सेवाओं में वहां के तौर तरीके सीखे, सभी जगह जो समझा वह यह था कि सीखना बहुत जरूरी है इसी सीखने की दौड़ में जानकारी हुई कि जो जिंदगी में तनाव या परेशानियां हैं उनको खुद से दूर किया जा सकता है और वहीं से "एनएलपी" को सीखना शुरू किया। यह जाना कि कुछ बदलाव करके बहुत कुछ बदला जा सकता है कुछ छोटे बदलाव करके बहुत बड़ा बदला जा सकता है।

Customer Reviews


 

Book from same catalogue