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About book : यह पुस्तक महिला चेतना की प्रतीक है जो आज के समय की सबसे बड़ी मांग है, महिला सशक्तिकरण एक ऐसा सामाजिक मुद्दा है जिसने बुद्धिजीवियों, समाज सुधारको, सामाजिक चिंतकों, महिलावादी विचारको और विकास में रुचि रखने वाली संस्थाओं का चयन अनिवार्य किया है। किसी भी देश की प्रगति का असली मूल्यांकन वहां की महिलाओं की स्थिति के आधार पर हो सकता है। जो लगभग कुल जनसंख्या की आधी है। महिलाओं के विकास के लिए कानून में अनेक परिवर्तन किए गए हैं किंतु उनका लाभ तब ही मिल सकता है जब उनके लिए जागरूकता उत्पन्न की जाए। विश्व मंच पर महिला ’’पढ़ती नारी बढ़ता राष्ट्र’’ की थीम पर हो देश की प्रगति संभव है। विकास संबंधी बढ़ाते हुए प्रयासों को दृष्टिगत रखते हुए तथा उनके प्रभाव स्वरूप भारत में भी महिला सशक्तिकरण दे उसके विकास के सुझावों के प्रयत्नों को सर्वाेपरि महत्व दिया गया। महिलाओं का प्रश्न अब सिर्फ सामाजिक जीवन के विभिन्न प्रकारों में पुरुष के साथ उनके अधिकारों की सामान्य सहभागिता एवं महिलाओं की स्थिति से ही संबंधित नहीं रहा है। अपितु यह उसकी परिवर्तन की दिशा में संबंधित वृहद प्रश्न का अंश बन गया है।
About author : डॉ. श्रीमती कामिनी जैन का जन्म होषंगाबाद म.प्र. वर्तमान में नर्मदापुरम के के नाम से जाना जाता है ने बी.एस.सी.गृहविज्ञान, एम.एस.सी. गृहविज्ञान, बी.एड एवं पी.एच.डी. की उपाधियॉ प्राप्त की। इन्होने अपना शोध कार्य डॉ. आई. एस. चौहान पूर्व उच्चायुक्त फिजी पूर्व कुलपति बरकतउल्ला विष्वविद्यालय भोपाल एवं भोज मुक्त विष्वविद्यालय भोपाल के निर्देषन में किया। डॉ. जैन ने 1984 से अपनी शासकीय सेवाएॅ सहायक प्राध्यापक पद से शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम म.प्र. से प्रारंभ की। वर्तमान में स्नातकोत्तर प्राचार्य के पद पर शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम म.प्र. में पदस्थ है। इनकी 35 से अधिक पुस्तकों का प्रकाषन हो चुका है। इनकी 50 बुकलेट, 112 प्रसार लेख एवं 100 से अधिक शोध उपाधियॉ एवं लघुषोध निर्देषन 50, लगभग 200 से अधिक शोध पत्रों का प्रकाषन हो चुका है। इन्होने विष्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त 08 शोध परियोजनाओं एवं 09 राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा प्रदत्त शोध परियोजनाओं पर कार्य किया है। शोध के क्षेत्र में इनके योगदान को देखते हुए इन्हे रिसर्च लिंक स्वर्ण पदक, मदर टेरेसा अवार्ड, राजीव गॉधी ऐजुकेषन एक्सीलेंस अवार्ड, बेस्ट प्रिंसीपल अवार्ड रिसर्च ऐज्यूकेषन द्वारा 05 सितम्बर 2022 में एवं षिक्षा-रत्न पुरस्कार प्रदान किये गये है। आयुक्त म.प्र. शासनष्उच्च षिक्षा विभाग द्वारा इन्हे सत्र 2012-13 में इनके कुषल नेतृत्व एवं षिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के लिए प्रयास के लिए प्रषंसा पत्र प्रदान किया गया है।