माध्यमिक कक्षाओं की गणित उपलब्धियों का तुलनात्मक अध्ययन
About author : डॉ मनोहर कुमार का जन्म ग्राम- मोजमाबाद ,पोस्ट -नारायणपुर, थाना -बिहपुर ,जिला -भागलपुर, राज्य बिहार के एक कृषक परिवार में हुआ है। नो भाई बहनों में सबसे छोटे डॉ मनोहर कुमार का लालन पालन ग्रामीण सामाजिक सांस्कृतिक परिवेश में हुआ है। ग्राम- कन्हाईपुर, पोस्ट- मोकामा तथा जिला- पटना की निवासी जीवनसंगिनी श्रीमती शिम्मी कुमारी तथा पुत्र मनवीर के साथ जीवनयापन करनेवाले, स्वभाव से मिलनसार मृदुभाषी डॉ मनोहर कुमार ने स्नातक परीक्षा विज्ञान विषय के साथ मारवाड़ी महाविद्यालय भागलपुर से प्राप्त किया है। लंबे समय तक लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने के क्रम में इनकी रूचि कला विषयों में बढ़ने लगी ।इसी का परिणाम था कि इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की ।इसी क्रम में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से B.Ed तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से M.Ed की डिग्री प्राप्त की है। डॉ मनोहर कुमार ने शिक्षा शास्त्र विषय से यूजीसी नेट परीक्षा पास की है तथा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर से शिक्षा शास्त्र विषय में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है ।इन्होंने अपने वृत्ति का प्रारंभ विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले संस्थान के निदेशक के रूप में किया था।वर्तमान में ये कुमार कालिदास मेमोरियल महाविद्यालय पाकुर ,जो कि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका, झारखंड ,की अंगी भूत इकाई है, मैं शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। डॉ मनोहर कुमार कई राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय ,संगोष्ठी और सम्मेलनों तथा कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी निभा चुके हैं। ये कई शैक्षणिक तथा सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों के आजीवन सदस्य हैं ।डॉ मनोहर कुमार राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला पाकुड़, झारखंड के जिला नोडल पदाधिकारी के रूप में भी दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
About book : गणित ऐसी विधाओं का समूह है जो संख्याओं ,मात्राओं ,परिणामों, रूपों और उनके आपसी रिश्तो, गुण ,स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती है। माध्यमिक कक्षा में गणित के मूल तत्व को भली-भांति समझ ना पाने के कारण विद्यार्थियों के लिए गणित जीवन भर एक बड़ा सर दर्द बना रहता है ।अतः आवश्यकता है गणित शिक्षण की विधियों पर समीक्षक दृष्टि डाली जाए और गणित शिक्षण को मनोरंजक आकर्षक तथा सार्थक बनाया जाए ताकि माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थी गणितीय ज्ञान को दैनिक जीवन से सीधे संबंध स्थापित करने में सफल हो सके।