(बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर द्वारा पी-एच0 डी0 की उपाधि के लिए स्वीकृत शोध-प्रबन्ध)
5.0
About author : जो सच्चा साहित्यकार या कलाकार होता है वह समाज का बड़ा ही सजग प्राणी होता है। इस पुस्तक की लेखिका भी एक ऐसे ही सजग साहित्यकार हैं जिन्होंने अपने साहित्य-सृजन द्वारा समाज को एक दिशा दी और सामाजिक चेतना को जाग्रत करने का प्रयास किया है।
About book : यह कृति जैन कथा साहित्य के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। जैन-कथा-साहित्य मानव-जीवन के लिए अत्यन्त ही उपयोगी हैं। इस पुस्तक में कथाओं के माध्यम से जो सन्देश और उपदेश दिये गये हैं, वे जन-जीवन के उत्कर्ष के लिए निश्चयमेव सफलता के सोपान है। तत्पश्चात् जैन कथाओं के अन्तर्गत आनेवाली लोक कथाओं का आकलन किया गया है और उनके माध्यम से लोक संस्कृति का उद्घाटन नये ढंग से किया गया है। कथा के द्वारा मानव जीवन को सरल, सुगम सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके उससे भी महत्त्वपूर्ण इस ‘जैन कथा साहित्य का समीक्षात्मक परिशीलन’ पुस्तक में कथा के द्वारा मानव जीवन अधिक-से-अधिक सुलभ हो ऐसा प्रयास किया है। जीवन दर्शन के हर पहलू पर प्रकाश डालना ही कथा का उद्देश्य है। कला का परिणाम बहुत ही अच्छा होता है।