(वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा द्वारा पी-एच0 डी0 की उपाधि के लिए स्वीकृत शोध-प्रबन्ध)
5.0
About author : इस पुस्तक की लेखिका डाॅ0 आरती कुमारी ने इसमें जहाँ विषय के महत्त्व और उसकी सीमा पर प्रकाश डाला है वहीं युगीन सन्दर्भ में उनकी प्रासंगिकता और महत्ता का भी प्रतिपादन किया गया है। इस शोध-ग्रन्थ में लेखिका द्वारा नेपाली की रचना-कला और उनकी भावात्मक सम्वेदना पर विशेष ध्यान दिया है एवं निरर्थक एवं प्रसंगहीन शुष्क तथ्यों से बचने का प्रयास किया है।
About book : लोकप्रिय गीतकार और कवि स्व0 गोपाल सिंह ‘नेपाली’ हिन्दी की उन विभूतियों में हैं जिनका रचना-संसार विभिन्न विलक्षण विशिष्टताओं से युक्त है। उनकी रचनाओं में जहाँ एक ओर जन-मुक्ति की व्यापक मानवीय आकांक्षाएँ उम्र्मित होती हुई दिखाई पड़ती हैं वहाँ दूसरी ओर सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना भी प्रतिध्वनित हो रही हैं। उनकी रचनाओं में शृंगार है तो भक्ति भी है, शान्ति है तो क्रान्ति भी है, राग है तो आग भी है और कल्पना है तो यथार्थ भी है - उनका रचना-संसार विविधताओं का एक अद्भुत ‘अलबम’ है।