ISBN : 978-93-6087-892-4
Category : Academic
Catalogue : Reference
ID : SB21570
Paperback
899.00
e Book
899.00
Pages : 183
Language : Hindi
पुस्तक की शुरुआत जलवायु परिवर्तन के भयानक स्वरुप को समजाते हुए होती है, जो हर देश, उसके मूलभूत आर्थिक ढांचे और यहां तक कि रणनीतिक गठबंधनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। यह भौगोलिक और सामाजिक प्रभावों के बारे में प्रकाश डालता है और दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन संकटों द्वारा तेजी से आकार लिए जा रहे रणनीतिक और सुरक्षा जटिल मुद्दे के बारे में भी समझाता है। इसके अलावा, यह भारत पर भी प्रकाश डालता है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सबसे अधिक खतरे वाले देशों में से एक है, लेकिन इसने ऊर्जा सुरक्षा और विकास संबंधी चिंताओं को संतुलित करते हुए पर्यावरणीय लक्ष्यों और नेट जीरो पथ के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है। ‘एक मूक दर्शक’ से ‘अग्रणी जलवायु शक्ति’ तक भारत की यात्रा पर्यावरणीय कारणों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। आगे बढ़ते हुए, यह पुस्तक अपने 15 लाख की मजबूत भारतीय सेना सदस्यों के लिए एक सामूहिक और व्यक्तिगत कार्य योजना को नियोजित करने के अपने महत्वपूर्ण उद्देश्य पर आती है। लेखक भारतीय सेना के महत्व्यपूर्ण योगदान की सरयाना करते हुवे येह भी यकीन दिलाता है की जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में सेना एक लीडर के रूप में कार्य कर सकती है | बड़े ही सरल भाषा में हर व्यक्ती वैग्यानिक तरीके से कितना कार्बन फुटप्रिंट कम कर सकता है यह यकन हो जाता है | किताब के कुछ अध्याय हमें न केवल यकीन दिला ते है की निरंतरता (sustainability) हम फौजी ओ लिए जीवन बचा ने का न केवल दूसरा नाम है बल्की हम नैसर्गिक जीवन शैली को अपनाकर और ‘मेरा मिशन मेरा काम’ को अपना ते हुवे एक एक महत्वपूर्ण उदहारण देश के सामने रख सकते है | जलवायु परिवर्तन के येह मुश्किल समय में हम और हमरा परिवार पर्यावरण की नाम की लढाई में आपने देश के लक्ष को पूरा करने में कोई कसार नहीं छोड़ेंगे |