ISBN : 978-81-19084-25-8
Category : Non Fiction
Catalogue : Social
ID : SB20470
Paperback
295.00
e Book
251.00
Pages : 101
Language : Hindi
सपनों से भरी दुनिया में हर व्यक्ति स्वयं मे के लिए कोई न कोई सपना जरुर देखता है और उसे पूरा भी करना चाहता है। हर व्यक्ति आगे बढ़ने का प्रयास करता है और चाह रखता है कि दुनिया की हर खुशी उसे मिले जीवन के मार्ग में आने वाली समस्याओं मे उलझने के कारण समय के चलते वह अपने सपनो का मार्ग भूल जाता है फिर दौर शुरु होता है- सपनों के लिए केंद्रित संधान की कमी, शारीरिक शक्ति की कमी (ऊर्जा), सकारात्मकता की कमी, विचारशीलता की कमी, बैचेनी, अवसाद, टालने की आदत। यहां तक की छोटी उम्र में ही मोबाईल की लत, टी.वी., अपरिपवक्व, प्रेम-संबंध, संस्कार-विहिन शिक्षा उन सपनों को दिवास्वपन में परिणत कर देती है। इस सारे झंझावात से निकालने के सुगम मार्ग को नियोजित करने की दिशा में सफल प्रयास आपके हाथों में है। आशा के साथ विश्वास है की आप लाभांवित जरुर होंगे।