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ISBN : 978-93-6087-435-3
Category : Non Fiction
Catalogue : Self-Help
ID : SB21274

उम्मीद

सकारात्मक सोच और सफलता के सूत्र
 5.0

मनोज कुमार झा

Hardcase
1500.00
e Book
199.00
Pages : 148
Language : Hindi

About author : मेरा जन्म बिहार के एक छोटे से गॉव बैजूडीह के श्रेष्ठ कुल में दिनांक 01फरवरी 1966 को हुआ। संघर्ष करते हुए मैंने हिन्दी और अर्थशास्त्र में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की। शिक्षा से मेरी विशेष रूचि थी, इसलिए मैं अध्यापन के क्षेत्र में आ गया। इसकी शुरूआत मैने संत नंदलाल स्मृति विद्यामंदिर घाटशिला से की। 10 वर्षों तक मैंने भवन्स आर के सारडा विद्या मंदिर रायपुर में अध्यापन किया। मैं पिछले 30 वर्षों से लगातार अध्यापन कार्य में लगा हूॅं। इस लंबे शिक्षण के दौरान मैंने अनगिनत व्यक्तियों के व्यवहार में आए बदलाव को देखा है और शिक्षा, संस्कार, आचरण, व्यवहार और बेहतर इंसान के मौलिक सूत्र को समझा है। मैं कोई दार्शनिक, ज्ञानी महात्मा और समाज सुधारक नहीं, और न मेरे मन में किसी भौतिक कामना की इच्छा है। मैं कोई जादुई प्रभाव दिखाने का दावा नहीं करता। मुझे संघर्षों से सीख मिली है। व्यक्तियों से मिले आदर और सम्मान पर हमें गर्व है। मैं निरंतर शिक्षा और संस्कार के गिरते स्तर से दुखी हुँऔर लोगों में उम्मीद जगाने की इच्छा से लिखने के लिए प्रेरित हुआ हूॅं।

About book : व्यक्ति के अंदर छिपी आत्मशक्ति और दिव्यता पर विश्वास हो, तो उन्हें अद्भुत सफलता मिल सकती है। वाल्यकाल से ग्रसित नकारात्मकता और दुर्बलताओं को दूर कर हम महान बन सकते हैं। ऊर्जा, पवित्रता, एकाग्रता, साहस और इच्छाशक्ति ये सारे गुण आत्मविश्वास से आ जाते हैं। हमें अपने अंदर सबल बनाने वाली पद्धति विकसित करनी होगी। इसके अभाव में ही हमारे अंदर चिंता, भय, अकुषलता और अकर्मण्यता आती है और हमें निर्बल बनाती है। हमारे मन को निराष और हतोत्साहित करती है। हमारा आत्मविश्वास ही हमें सच्चा और सफल इंसान बनाने में सहायक होता है। इस पुस्तक में एक अध्यापक के अनुभव को साझा किया गया है। व्यक्ति बाल्यकाल से ही अनगिनत समस्याओं और चिंताओं से ग्रसित होने लगते हैं। भविष्य अंधकारमय लगने लगता है। इस रचना में सफलता के इच्छुक व्यक्ति की दुर्बलता और बदलते परिपेक्ष्य की समस्याओं को ध्यान में रखा गया है। साथ ही व्यवहारिक और सफलता का सरल सूत्र भी प्रस्तुत किया गया है। हताश, निराश असंतुष्ट व्यक्ति के लिए यह पुस्तक हितकारी है। मानवता और आत्मविश्वास पैदा करने की भावना से रचित पुस्तक पाठकों के लिए कल्याणकारी हो।

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