ISBN : 978-93-6087-435-3
Category : Non Fiction
Catalogue : Self Help
ID : SB21274
5.0
Paperback
240.00
e Book
199.00
Pages : 148
Language : Hindi
व्यक्ति के अंदर छिपी आत्मशक्ति और दिव्यता पर विश्वास हो, तो उन्हें अद्भुत सफलता मिल सकती है। वाल्यकाल से ग्रसित नकारात्मकता और दुर्बलताओं को दूर कर हम महान बन सकते हैं। ऊर्जा, पवित्रता, एकाग्रता, साहस और इच्छाशक्ति ये सारे गुण आत्मविश्वास से आ जाते हैं। हमें अपने अंदर सबल बनाने वाली पद्धति विकसित करनी होगी। इसके अभाव में ही हमारे अंदर चिंता, भय, अकुषलता और अकर्मण्यता आती है और हमें निर्बल बनाती है। हमारे मन को निराष और हतोत्साहित करती है। हमारा आत्मविश्वास ही हमें सच्चा और सफल इंसान बनाने में सहायक होता है। इस पुस्तक में एक अध्यापक के अनुभव को साझा किया गया है। व्यक्ति बाल्यकाल से ही अनगिनत समस्याओं और चिंताओं से ग्रसित होने लगते हैं। भविष्य अंधकारमय लगने लगता है। इस रचना में सफलता के इच्छुक व्यक्ति की दुर्बलता और बदलते परिपेक्ष्य की समस्याओं को ध्यान में रखा गया है। साथ ही व्यवहारिक और सफलता का सरल सूत्र भी प्रस्तुत किया गया है। हताश, निराश असंतुष्ट व्यक्ति के लिए यह पुस्तक हितकारी है। मानवता और आत्मविश्वास पैदा करने की भावना से रचित पुस्तक पाठकों के लिए कल्याणकारी हो।