(कविता-संग्रह)
5.0
About book : आजकल मानवीय संवेदनाओं के शाश्वत मूल्यों को सुसुप्तावस्था से जाग्रत कर सामाजिक सरोकारों के दायित्व बोध में शामिल करने के तमाम संसाधन धूमिल हो चुके हैं। विज्ञापणवादी इस दौर में भावात्मक व्यवसाय कला के माध्यम से ही फलीभूत हो रहे हैं। ऐसे अवसरवादी समय में जब मानव मन के सूक्ष्म व्यंजना सिनेपालिसवाद में गुम होती जा रही है - कविता अपने गर्भ में भावों को प्रांजल रूप में ही जो जैसा है उसे उसी रूप में पाठकों तक पहुंचा रही है। यानी कविता आज भी आरी है। मेरा यह "संवाद अभी जारी है....."(कविता-संग्रह) जो पहली प्रकाशित पुस्तक है। पाठकों के बीच उसी शाश्वत मूल्यों को धैर्य एवं संयम के साथ पहुंचाएगी पूरी ईमानदारी एवं बेवाक लम्हों के साथ ऐसी आशा है - मुझे।
About author : डॉ. रणजीत कुमार "सनेही" शिक्षा - बी.ए.,एम.ए.(गोल्ड मैडलिस्ट),बीएड,बीएसटेट,यूजीसी द्वारा जे.आर.एफ., पी-एच.डी. प्रकाशन - विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में दर्जनों शोध-आलेख,कविता, संस्मरण एवं समीक्षाएं प्रकाशित। पुरस्कार- विश्वविद्यालय एवं राज्य स्तर पर बीस से अधिक पुरस्कार संप्रति- सहायक प्राध्यापक सह विभागाध्यक्ष,हिन्दी विभाग होतीलाल रामनाथ महाविद्यालय,अमनौर (जय प्रकाश विश्वविद्यालय,छपरा)