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ISBN : 978-93-6087-207-6

Category : Fiction

Catalogue : Poetry

ID : SB21704

न ज्ञाता न ज्ञेय बचे

गीतावली

Dr. Chiranji Lal 'Chanchal'

Hardcase

1500.00

e Book

159.00

Pages : 114

Language : Hindi

About Book

यह निर्विवाद सत्य है कि संसार में संसार के लोगों ने जीवन के हरेक क्षेत्र में आशातीत प्रगति की है। प्रकृति और मानव जीवन के अनेकानेक रहस्यों की जड़ तक वह अपने अविरल प्रयासों और चेष्ठाओं से पहुँचा है। उसने अनेक उलझे प्रश्नों को सुलझाकर उनका समाधान प्रस्तुत किया है। प्रस्तुत काव्य कृति ‘न ज्ञाता न ज्ञेय बचे’ इस ओर सर्व समाज का ध्यान आकर्षित करना चाहती है कि जब कुछ बचा ही नहीं, और बचना भी नहीं, फिर ये खींचा-खाँची, हूँचा-हाँची, बटोरा-बटोरी किस काम की? इस काव्यकृति के अधिकाँश गीत हमारा ध्यान निर्पेक्ष होने की ओर खींचते हैं। कुछ प्रत्यक्ष कुछ परोक्ष और कुछ विम्ब विधान को बीच में रखकर अपनी सार्थकता सिद्ध करते हैं। जीवन देने की स्थिति में यदि नही हैं। तब जीवन लेने की स्थिति हम क्यों उत्पन्न करने में लगे हैं। प्रकृति सबके साथ समान और दयालु है। जिसके तत्वों से हमारा निर्माण हुआ है। फिर हम उसके प्रति ही अपकारी क्यों बनते जा रहे हैं? उसके तत्वों के साथ यह व्यवहार उसको कैसा लगता होगा? ख्याति अर्जित करने के लिए जीवन के अन्य अनेक क्षेत्र है।


About Author

नाम : डॉ० चिरंजी लाल ‘चंचल’ जन्म तिथि : 05-01-1950 पैत्रक निवास : मौहल्ला भूवरा, टाउन एरिया– मसवासी जनपद-रामपुर, उत्तर प्रदेश पिता का नाम : निर्वाण प्राप्त श्रध्देय कड़ढे लाल जी माता का नाम : निर्वाण प्राप्त श्रध्देया (श्रीमती ) मंगिया देवी जी पत्नी का नाम : डॉ० लीलावती शिक्षा : एम० ए० (हिन्दी, संस्कृत, दर्शनशास्त्र), बी० एड०, पी० एच० डी० कार्य क्षेत्र : सेवानिवृत प्रवक्ता, हिन्दी संस्कृत, सनातन धर्म इन्टर कालेज, रामपुर सम्प्रति : संस्थापक एवं प्रबन्धक, इनोवेटिव पब्लिक जूनियर हाई स्कूल, मुरादाबाद प्रकाशित कृतियाँ गीतावली 1. ऐसे न समर्पण कर दूँगा 2. कैसे न समर्पण कर दूँगा 3. तथाता 4. अथोsहम 5. तथात्वम 6. सम्मासती 7. अपने दीपक आप सभी 8. नाम क्या दूँ ? 9. तत्त्वमसि 10. शीशों का मसीहा कौन यहाँ? 11. मिला कोई नहीं मिलने 12. हमने कब डाले हथियार 13. जमीं पर हैं पटके 14. तुम कौन हो? 15. भय करता पैदा भगवान 16. जो चाहो जीवन में उत्कर्ष 17. ये जग है निर्व्याख्य 18. कौन सहारा बना किसी का? 19. कौन है कौन? 20. न ज्ञाता न ज्ञेय बचे कवितावली 1. सूरज निकलता नही 2. हार नही मानूँगा 3. क्या इस ब्यूह को तोड़ सकोगे 4. बैठे हैं तैयार 5. तुम्हारा क्या ? 6. यह कैसा जनतंत्र दोहावली 1. भाग एक 2. भाग दो खण्ड काव्य 1. चतुर्दिक नमन गज़लें 1. बिखरा हूँ मैं 2. संसार क्या जाने ? मुक्तकावली सम्मान : दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा डॉ० अम्बेडकर फेलोशिप, डॉ० अम्बेडकर मेमोरियल ट्रस्ट अलीगढ़ द्वारा अन्तराष्ट्रीय भीम रत्न पुरस्कार, भारतीय बौध्द महासभा उ०प्र० द्वारा साहित्य एवं समाज के क्षेत्र में दी जाने वाली डॉ० अम्बेडकर फेलोशिप से सम्मानित, अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध I सम्पर्क सूत्र : इनोवेटिव पब्लिक स्कूल, निकट चौहानों की मिलक, मण्डी समिति रोड मुरादाबाद उ०प्र० पिन- 244001, मोब.न. 09997344811, Email ID: chanchalchiranjilal@gmail.com

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