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ISBN : 978-93-6087-653-1

Category : Fiction

Catalogue : Poetry

ID : SB21666

कौन है कौन?

गीतावली

डॉ० चिरंजी लाल ‘चंचल’

Hardcase

1500.00

e Book

199.00

Pages : 114

Language : Hindi

About Book

हमारी भाषा, आचार विचार और व्यवहार, हमारे व्यक्तित्व की कुंजी होते हैं। जिनके द्वारा हमारे अन्दर आने का रास्ता खुलता है या खोला जा सकता है किसी दूसरे के द्वारा। जब तक हम मौन है। चुप है। खामोश हैं। तब तक हमारे अन्तर्मन, अन्तर्जीवन या अन्र्तआत्मा में कोई कभी नहीं झाँक सकता। कौन है कौन? इस काव्य कृति में ऐसे तमाम गीत हैं। जिनकी पृष्ठभूमि इस ओर इंगित करती है कि कहिए जब, जब आपसे कहा जाय। क्या कहिए? जो आपको कहने को कहा जाय। दूसरे की आवश्यकता सौ ग्राम की है और आपने एक कुन्टल उड़ेल दिया समझ लीजिए सामने वाले की समझ का पात्र तो छिन्न-भिन्न टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा।सौ क्या? एक ग्राम भी उसके पास नही रह पाएगा आपका सारा कहा-सुना व्यर्थ हो गया। न वक्ता का रहा उसने उडे़ल दिया। न श्रोता का रहा वह उसके सिर के ऊपर से उतर कर चला गया। मन-मस्तिष्क दिल-दिमाग में आया ही नहीं।


About Author

नाम : डॉ० चिरंजी लाल ‘चंचल’ जन्म तिथि : 05-01-1950 पैत्रक निवास : मौहल्ला भूवरा, टाउन एरिया– मसवासी जनपद-रामपुर, उत्तर प्रदेश पिता का नाम : निर्वाण प्राप्त श्रध्देय कड़ढे लाल जी माता का नाम : निर्वाण प्राप्त श्रध्देया (श्रीमती ) मंगिया देवी जी पत्नी का नाम : डॉ० लीलावती शिक्षा : एम० ए० (हिन्दी, संस्कृत, दर्शनशास्त्र), बी० एड०, पी० एच० डी० कार्य क्षेत्र : सेवानिवृत प्रवक्ता, हिन्दी संस्कृत, सनातन धर्म इन्टर कालेज, रामपुर सम्प्रति : संस्थापक एवं प्रबन्धक, इनोवेटिव पब्लिक जूनियर हाई स्कूल, मुरादाबाद प्रकाशित कृतियाँ गीतावली 1. ऐसे न समर्पण कर दूँगा 2. कैसे न समर्पण कर दूँगा 3. तथाता 4. अथोsहम 5. तथात्वम 6. सम्मासती 7. अपने दीपक आप सभी 8. नाम क्या दूँ ? 9. तत्त्वमसि 10. शीशों का मसीहा कौन यहाँ? 11. मिला कोई नहीं मिलने 12. हमने कब डाले हथियार 13. जमीं पर हैं पटके 14. तुम कौन हो? 15. भय करता पैदा भगवान 16. जो चाहो जीवन में उत्कर्ष 17. ये जग है निर्व्याख्य 18. कौन सहारा बना किसी का? 19. कौन है कौन? कवितावली 1. सूरज निकलता नही 2. हार नही मानूँगा 3. क्या इस ब्यूह को तोड़ सकोगे 4. बैठे हैं तैयार 5. तुम्हारा क्या ? 6. यह कैसा जनतंत्र दोहावली 1. भाग एक 2. भाग दो खण्ड काव्य 1. चतुर्दिक नमन गज़लें 1. बिखरा हूँ मैं 2. संसार क्या जाने ? मुक्तकावली सम्मान : दलित साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा डॉ० अम्बेडकर फेलोशिप, डॉ० अम्बेडकर मेमोरियल ट्रस्ट अलीगढ़ द्वारा अन्तराष्ट्रीय भीम रत्न पुरस्कार, भारतीय बौध्द महासभा उ०प्र० द्वारा साहित्य एवं समाज के क्षेत्र में दी जाने वाली डॉ० अम्बेडकर फेलोशिप से सम्मानित, अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध I सम्पर्क सूत्र : इनोवेटिव पब्लिक स्कूल, निकट चौहानों की मिलक, मण्डी समिति रोड मुरादाबाद उ०प्र० पिन- 244001, मोब.न. 09997344811, Email ID: chanchalchiranjilal@gmail.com

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