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ISBN : 978-93-90761-29-6
Category : Non Fiction
Catalogue : Poetry
ID : SB20080

जीवन-संग्राम

कविता-संग्रह

डॉ0 पवित्र कुमार शर्मा

Paperback
700.00
e Book
199.00
Pages : 581
Language : Hindi
PAPERBACK Price : 700.00

About author : नाम -- डॉ0 पवित्र कुमार शर्मा पिता -- स्व0 श्री रामवीर शर्मा शिक्षा -- एम0 ए0, एम0एस0-सी0, पी-एच0 डी0 जन्म तिथि- 30 जून, 1971 ई0 प्रकाशित पुस्तकें -- अभी तक कुल 500 पुस्तकें प्रकाशित,इनमें 200 किताबें छोटी अर्थात बालोपयोगी हैं । Amazon, flipcart तथा Hindi book center आदि पर कई पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध निवास -- जिलेदार सदन, बजरिया रोड, कुबेदान साहब का बाड़ा, कायस्थपाड़ा, धौलपुर ( राजस्थान ) - 328001 सम्प्रति- राजयोग प्रशिक्षण एवं सतत लेखन कार्य मोबाइल नंबर- 7742484585

About book : 'जीवन-संग्राम' नामक इस कविता-संग्रह में कवि की द्विशत रचनाओं को संकलित किया गया है । इन कविताओं के विषय विभिन्न प्रकार के हैं । कुछ कविताओं में गोमाता और नारी की ह्रदयगत वेदना को स्वर देने का प्रयास किया गया है, जबकि कुछ में राष्ट्र-प्रहरी वीर सैनिकों के शौर्य और बलिदान की चर्चा की गई है । प्रकृति के सुन्दर-नैसर्गिक परिवेश में अठखेलियाँ करती हुई काव्य-रचनाएँ भी इस संग्रह में हैं और कर्म, पुरुषार्थ तथा जीवन-मृत्यु का बोध कराने वाली कविताओं को भी इस नूतन काव्य-मंजूषा में स्थान देने का प्रयास किया गया है । इसमें जहाँ एक ओर भारत के पर्व-त्यौहारों की महिमा का बखान किया गया है, वहीं सांझा- संस्कृति एवं मन के ह्रदयस्थ भावों का विश्लेषण कर सही भावों को उत्तम दिशा देने की कोशिश की गई है । कोरोना-काल 21 वीं सदी का सबसे त्रासदपूर्ण समय रहा । कवि ने इस अवधि में अनेक मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया । उनमें से कुछ रचना-पुष्पों को कवि ने इस संग्रह के गुलदस्ते में सजाने का प्रयत्न किया है । लॉकडाऊन और उसके बाद की वे कविताएँ विशेष रूप से पठनीय, प्रेरणास्पद एवं संग्रहणीय हैं । इस संग्रह की अधिकांश कविताओं का स्वर राष्ट्रवाद का है लेकिन कुछ कविताओं में कवि अपने अन्तर्मन की भाव-धारा का प्रकटीकरण करने में भी संकोच नहीं कर पाया है । कवि के भाव-विचारों का सोता कहीं-कहीं अनायास ही फूट पड़ा है । संकलन की अनेक कविताओं को फेसबुक और व्हाट्स-अप के डिजीटल-पटल पर पहले भी काफी सराहा जा चुका है । इसके अलावा स्वतंत्र काव्य ग्रंथों के अन्तर्गत भी इन रचनाओं को आम पाठकों के द्वारा बेहद पसंद किया गया है ।

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