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ISBN : 978-81-19908-42-4

Category : Fiction

Catalogue : Story

ID : SB20821

vibhavri

ek stree vimarsh

Dr Jyotsna Gupta

Paperback

399.00

e Book

150.00

Pages : 78

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 399.00

About Book

यह किताब 51 लघु कथाओं का संग्रह है ।प्रत्येक कहानी पारिवारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से एक प्रश्न प्रस्तुत करती है। स्त्री और उसके अस्तित्व की पहचान एवं उलझनों को प्रदर्शित करती यह किताब निश्चय ही समाज के समक्ष एक आइना प्रस्तुत करती है। किताब की प्रत्येक कहानी परिवार और समाज के वैचारिक रूप को सामने लाती है। इसमें स्त्री के बचपन, युवावस्था और वृद्धावस्था तक की मानसिक स्थितियों को वार्तालाप कथाओं के माध्यम से अलग अलग रंग में पिरोया गया है । कई बार पुरुष में भी स्त्रीत्व की भावना देखी गई है ,ऐसे ही नए रंगों से सजी है इसकी लघु कथाएं। यह किताब पूज्यनीय माता पिता श्री विष्णु गोपाल गुप्ता मंजू गुप्ता एवं जीवन की मार्गदर्शक डा रानी त्रिपाठी जी को समर्पित है ।


About Author

लेखक डा ज्योत्सना गुप्ता "रौशनी" स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय शाहजहांपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने 15 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में भाग लिया है जिसमें दस शोध पत्र भी प्रस्तुत किए हैं। साहित्यिक भूमिका.... इन्होंने एक कविता संग्रह "हम तुम " एवं तर्पण , बहरूपिया , सिरमौर परिमार्जन और "जिस्म किराए का घर " उपन्यास लिखे है जो कि धारावाहिक के रूप में ऑनलाइन प्रकाशित हुए हैं । "सिरमौर" के लिए इन्हें प्रतिलिपि द्वारा सुपर लेखक अवॉर्ड 4 भी प्रदान किया गया है ।सभी रचनाएं स्त्री के विविध स्वरूपों का समाज पर प्रभाव दर्शाती हैं ।जो निश्चय ही वर्तमान परिवेश के लिए एक सुदृढ़ मार्ग प्रशस्त करती है ।

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