औषधीय वनस्पतियों पर आधारित काव्य ग्रंथ
5.0
About book : वनस्पतियां हमें ही नहीं जीव जंतुओं को भी जीवन देती हैं। वनस्पतियां हमें औषधि के साथ ही शीतल छाया देती हैं तथा पर्यावरण शुद्ध करने में सहायक होती हैं । वनस्पतियां ही औषधिसार हैं। प्राचीन काल से विविध रोगों के उपचार में वनस्पतियां ही प्रयोग में लाई जाती हैं । आज भी औषधियों का आधारभूत तत्व वनस्पतियां ही हैं । जड़ी -बूटी , कंद- मूल, तना, पत्तियां , फल -फूल, छाल आदि विविध व्याधियों में संजीवनी बूटी का कार्य करती हैं । प्रस्तुत पुस्तक "वनस्पतांजलि" में ऐसे ही अमृत समान औषधीय वनस्पतियों को छंद में संकलित किया गया है, जिसका प्रयोग करके मनुष्य अनेक व्याधियों से अपने को संरक्षित करता आया है। दोहा और चौपाई छंद में रचित काव्य ग्रंथ मानवमात्र के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
About author : डॉ बृजेश कुमार सिंह 'महादेव' शिक्षक एवं साहित्यकार
SURYA PRAKASH :
A pregnant creative writing in a poetical form elucidating importance and benediction of flora in human life.