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ISBN : 978-93-6087-098-0

Category : Non Fiction

Catalogue : Self Help

ID : SB21630

तू और मैं

ख़ूबसूरत है ज़िंदगी अगर सुलझे हैं रिश्ते

केतकी भारतीय

Paperback

199.00

e Book

99.00

Pages : 59

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 199.00

About Book

यह पुस्तक उनके लिए है जो प्रेम में है प्रेम में होना चाहते हैं या प्रेम में होते हुए भी उनके अंदर कुछ खाली ख़ाली सा है। रिश्तो को निभा रहें है,उन्हें और बेहतर बनाना चाहते हैं और उन्हें जी भर के जीना चाहते हैं। पढ़ते ही कोई जादू की छड़ी चलेगी और संबंध अच्छे हो जाएंगे ऐसा नहीं है किंतु यह अवश्य है कि इसे पढ़ने से ढूंढ छंट जाएगी,स्पष्टता मिलेगी और आत्मविश्वास आएगा,जिससे संबंधों को और मधुर बनाने में बहुत सहायता मिलेगी।


About Author

दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए-संस्कृत तथा पंजाब यूनिवर्सिटी से एम ए -हिंदी, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से बी एड। उत्तर रेलवे द्वारा संचालित स्कूल से 26 वर्ष तक कार्य करने के उपरांत वॉलंटरी रिटायरमेंट( स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) रिलेशनशिप काउंसलर के रूप में कार्यरत। तदोपरांत आकॅल्ट के भिन्न-भिन्न विषय जैसे रेकी हीलिंग,टैरो कार्ड रीडिंग,ओरास्कोप रीडिंग,वास्तु शास्त्र,इत्यादि की विशेषज्ञता। भिन्न-भिन्न पत्रिकाओं में लेखन। "उजालों का सफ़र" कविता संग्रह 2013 में प्रकाशित। कहानी संग्रह "खसमानुखानी" बच्चों का कहानी संग्रह "नटखट नन्नू" एवम् तीन उपन्यास -"गंगोत्री वर्किंग वूमेन हॉस्टल", "मैं हूं ना! " "मेरे बिना" प्रकाशनाधीन।

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