ISBN : 978-81-19517-19-0
Category : Non Fiction
Catalogue : Poetry
ID : SB20604
Paperback
200.00
e Book
99.00
Pages : 85
Language : Hindi
लेखन के बारे में__ पहले गृहस्थी में व्यस्त रही, समय ही नहीं मिलता था अपने लिए, वक्त के साथ बच्चे बड़े हुए, अब बेटियों का अपना घर संसार, पति और बेटे का अपना कारोबार, सभी अपने में व्यस्त हो गए, अपने लिए समय बचा, तो अकेलापन खलने लगा, मायका और ससुराल चित्रपट सा आंखों के आगे आ जाता, बीते समय की कुछ खट्टी, कुछ मीठी यादें वापस ताज़ा कर जाता, उन सभी यादों को कागज़ पर उतारने का मन किया, जिन रिश्तों ने मुझे कभी अकेला ना रहने दिया!