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5.0
About book : तेरी खुबसूरती की आज हम कायल न हुएं होते। तुम नज़रे छुपाए फिरतीं तो आज हम घायल न हुएं होते। साथ तो सब देने को तैयार हैं हमें। मगर तुम हमें छोड़ कर न जाती तो आज हम शायर न हुएं होते।
About author : ग़ज़ल रचनाकार पंकज रंजन का जन्म 07 मार्च 2003 को बिहार प्रांत के मुजफ्फरपुर जिलांतर्गत रक्सा दक्षिण टोला (प्रखंड मड़वन) नामक गांव में हुआ। ये बचपन से बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने बी. कॉम. डिग्री पाईं है। ग़ज़ल के रूप में 'ग़ज़ल - संग्रह' का इनका पहला प्रयास है जिसके कारण इनकी ग़ज़लों में कुछ त्रुटियां हो सकती है। अतः पाठकों से अनुरोध है कि इनका प्रथम प्रयास होने के कारण इनका उत्साहवर्धन करें जिससे उत्साहित होकर ये निरंतर आप सभी सुधिजनो के लिए ग़ज़लों की रचना करते रहे।
Mithlesh Yadav :
it is a good book pages quality is avery nice