ISBN : 978-93-93557-10-0
Category : Academic
Catalogue : Social
ID : SB20210
Paperback
300.00
e Book
199.00
Pages : 141
Language : Hindi
हमारे देश में पत्रकारिता को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। क्योकि यह जन -जन की अभिवक्ति को मुखर करने का जनतांत्रिक तरीका है। प्रौद्योगिकी के विकास के साथ साथ पत्रकारिता में भी बदलाव आये हैं। आज समाचार की उम्र एक दिन से घट कर सिर्फ पांच मिनट की रह गयी है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में समाचार पत्रों और पत्रकारों में भी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी रहती है। इसी प्रतिस्पर्धा के चलते आज समाचारों और पत्रकारिता में से मूल्य गायब होते जा रहें हैं। जल्दबाजी में समाचार पत्रों में छपने वाले समाचारों में वैयाकरणिक गलतियों की भरमार रहती है। पत्रकारिता एवं समाचारों के मूल्यों, समाचारों के संपादन में सावधानियां समाचारों के शीर्षक सम्पादकीय एवं समाचार पत्रों की शब्दावली जैसे महत्वपूर्ण विषयों को इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है। पत्रकारिता विषय के आयाम इतने विस्तृत हैं कि इन्हें एक पुस्तक में समेटना मुश्किल है। फिर भी इस पुस्तक में पत्रकारिता से जुड़े विभिन्न विषयों को एक साथ पेश करने की गुस्ताखी की गई है। पुस्तक में समाचारों की पत्रकारिता विषय से संबंधित सभी पक्षों को सम्मलित करने का पूरा प्रयास किया गया है जिसका इस पत्रकारिता के विद्यार्थियों से सीधा सरोकार है। पुस्तक में शामिल सभी विषयों पर विस्तार से सरल भाषा में लेखन किया गया है। मेरा विश्वास है कि इस पुस्तक को पढ़ने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का विचार कर चुके विद्यार्थियों की इस क्षेत्र से जुड़े अहम विषयों के प्रति एक आत्मविश्वास कायम होगा।