Rang manch
About author : मेरे मता पिता के आशीर्वाद से , शंकर नाम से मुझे एक पहचान मिली। बचपन से ही हिंदी भाषा के प्रति मेरा लगाव रहा है हजारों वर्षों से भाषा मनुष्य की वैचारिक आदान प्रदान का एक माध्यम रही है । हिंदी की अविरल और अनंत भाषा प्रवाह मे, मै एक तिनके के समान हूँ। हिंदी , माँ भारती की मानस पत्रिका है, जो सभी को जोड कर रखती हैं। मेरी उच्च शिक्षा उत्तर भारत मे आगरा शहर , के केंद्रीय हिंदी संस्थान में संपन्न हुई और हिंदी पीएचडी सुरेंद्र नगर यूनिवर्सिटी गुजरात से संपन्न हुई है। पिछले 18 वर्षों से मैं हिंदी के कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हूं ,मैं अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझता हूं ,जो तेलंगाना राज्र्य मे हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में कार्य करने का मुझे मौका मिला ।धन्यवाद ।
About book : मेरा यही प्रयास है की , हिंदी छात्रों को हिंदी पाठ्यक्रम पढ़ने में किसी प्रकार की कठिनाई ना आए । साहित्य सारिका यह किताब छात्रों के पाठ्यक्रम हेतु बनाई गई है ।केवल छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर यह कार्य किया गया है ।इस किताब को बनाने के पीछे किसी प्रकार के व्यापारिक या व्यक्तिगत लाभ को सोचा नहीं गया है यह प्रयास केवल छात्रों के लिए है । इस कार्य को पूर्ण करने में ,मेरी पत्नी सारिका का योगदान सर्वाधिक है अतः इस पुस्तक को उनका नाम प्रदान किया गया हैं। जय हिंद, जय मां भारती ।