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ISBN : 978-81-19281-02-2

Category : Fiction

Catalogue : Poetry

ID : SB20546

रंग-बिरंगी दुनिया

दुनिया की गति

तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय

Paperback

250.00

e Book

150.00

Pages : 108

Language : Hindi

PAPERBACK Price : 250.00

About Book

दो शब्द : प्रस्तुत रचना"रंग-विरंगी दुनिया" नामक कविता संग्रह में पंचतत्व से उत्पन्न होने वाले जीव जंतुओं पर दुनिया की भौतिक क्रियाएं, उससे संबंधित सुख, दुःख, रंगीन दुनिया की विभिन्न ऋतुएं, दुनिया के मूल स्तंभ मां, पिताजी, प्रियतमा तथा उनके द्वारा अगली पीढ़ी को दिये गये मानवीय संस्कार, करुणा, दया, सहयोग, धैर्य, समय का महत्व, आन्तरिक प्रकाश, मन का शुद्धिकरण, आत्म विश्लेषण, जीवन की भाग-दौड़, आशा की किरणें, स्वतंत्रता, नारी का नया परिवेश, आशीर्वाद एवं अभिशाप का प्रभाव, आदर्श जीवन, खुशियों की खोज,मन की चंचलता आदि पर कविताओं का सृजन किया गया है। आधुनिक समाज में फैले भ्रष्टाचार, मद्यपान, माया-मोह की लीला, आधुनिक ठग, साइबर क्राइम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कविताओं द्वारा भोली-भाली जनता को जागरूक करने का प्रयास किया गया है।अंत में औद्योगिक क्रांति, विज्ञान तथा उससे उत्पन्न सामाजिक असंतुलन तथा नैतिक मूल्यों का पतन पर प्रकाश डाला गया है। आशा है कि प्रस्तुत कविता संग्रह के माध्यम से पाठकगणों में"वसुधैव कुटुंबकम्"की भावना का उदय होगा तथा अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचानने में उन्हें यह रचना उपयोगी सिद्ध होगी। आदरणीय पाठकों से निवेदन है कि इस पुस्तक के साथ-साथ "प्रकृति के रंग -जीवन के संग"नामक कविता संग्रह का भी अध्ययन अवश्य करें। निश्चित ही इन रचनाओं द्वारा सद्गुणों का विकास होगा एवं सुंदर चरित्र का निर्माण होगा तथा बुद्धि के साथ-साथ विवेक का भी प्रादुर्भाव होगा। रचना को और अधिक उपयोगी बनाने हेतु आदरणीय पाठकों के सुझाव सादर आमंत्रित हैं। तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय


About Author

रचनाकार का संक्षिप्त परिचय : प्रस्तुत काव्य संग्रह के रचयिता श्री तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय मूलतः विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। तत्पश्चात विद्युत अभियांत्रिकी में एक.एम.आई.ई.तथा मानव संसाधन प्रबंधन में एम.बी.ए.की उपाधियां प्राप्त किया। वे वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवाएं कीं। परमाणु रिएक्टरों का प्रचालन, प्रशिक्षण, प्लानिंग, कमीशनिंग के कार्यों का सफलतापूर्वक सम्पादन किया ।चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना जबलपुर से उप मुख्य अभियंता के पद पर कुशलता पूर्वक कार्य करते हुए सरकारी सेवा से निवृत्त हुए। हिंदी साहित्य की तरफ उनका रुझान बचपन से ही था। वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्यरत कयी विभागीय पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी रूपांतरण उन्होंने किया है। नरौरा परमाणु विद्युत केंद्र उत्तर प्रदेश से प्रकाशित"अणु विहार"हिंदी पत्रिका में उनके लेख तथा कविताएं प्रकाशित होती रहीं हैं। इसके अतिरिक्त विभागीय हिंदी प्रतियोगिताओं में"पैनल जज"के रूप में भी उनका योगदान काफी सराहनीय रहा है। आशा है कि उनका यह काव्य-संग्रह "रंग -बिरंगी दुनिया" पाठकों को काफी पसन्द आयेगा। धन्यवाद, डाक्टर उत्कर्ष उपाध्याय

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