कथा साहित्य में प्रेमचंद का हास्य व्यंग
About book : प्रेमचंद आदर्श और यथार्थ के कवि इन्होंने अपने कथा साहित्य में यथार्थ के साथ आदर्श का चित्रण किया साथ है प्रेमचंद के कथा साहित्य में हास्य व्यंग अपने चरम सीमा पर है हास्य व्यंग के माध्यम से प्रेमचंद सामाजिक परिवेश राजनीतिक परिवेश आदि मूल्यों को लोक जीवन के साथ बड़ी बारीकी से चित्रण करते हुए चित्रित हुए हैं l
About author : प्रेमचंद आदर्श और यथार्थ के कवि इन्होंने अपने कथा साहित्य में यथार्थ के साथ आदर्श का चित्रण किया साथ है प्रेमचंद के कथा साहित्य में हास्य व्यंग अपने चरम सीमा पर है हास्य व्यंग के माध्यम से प्रेमचंद सामाजिक परिवेश राजनीतिक परिवेश आदि मूल्यों का लोक जीवन के साथ बड़ी बारीकी से चित्रण करते हुए चित्रित हुए हैं l