दिल ए बंदगी
About book : ""कविता लिखना मेरी जरूरत नहीं मन की बातों को कागज पर उतारा है जो भी सोचा नहीं मिला मुझे दिल के नासूरो को कलम से उकेरा है" एक लेखिका के रूप में यह मेरी पहली पुस्तक है हमेशा मां की बात तो को डायरी में संग्रह करती रही हूं किंतु आप ऐसा लगता है कि मेरी बातों को एक सुंदर लेकर द्वारा किताब के रूप में आप लोगों तक पहुंचाओ जिससे मैं स्वयं शब्दों सुमन की श्रृंखला को एक किताब द्वारा सभी तक जा सकूं यह मेरा प्रथम प्रयास है जिसमें मेरे गुरु माता-पिता सभी का आशीर्वाद सम्मिलित है एक अच्छे लेखिका के रूप में पहचान बनाने के लिए उन विचारों का मुहूर्त रूप दिया जाना होगा यही विचार ने मुझे अपनी कविताओं को किताब के रूप में परिवर्तित करने को बाधित किया एक लेखिका की पहचान सभी सार्थक होगी जब उन्हें उन्हीं के भाव से पढ़ा जाए जिन भावों से मेरे द्वारा लिखा गया है धन्यवाद।
About author : "लिखने पर मजबूर है दिल की दास्तान कुछ खाता हो तो मुझे माफ करना" मेरी अपनी पहचान में अपनी कविताओं के माध्यम से ही करना है चाहती हूं सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान मऊ में पदस्थित किंतु विषय के अलावा भी मुझे हमेशा डायरी लिखने का शौक रहा है यह वही शौक है जो लोगों को कुछ ना कुछ करने का जूस देता है मेरा भी यही शौक को मैं अपनी कलम द्वारा आप सभी के बीच लाना चाहती थी यह किताब मेरी बेटी को धनिष्ठा को समर्पित है क्योंकि वह जब मेरी दुनिया में आई तो मेरे विचारों को बहुत सुंदर स्वरूप मिला और आज मुझे एक नई पहचान की और ले चली है मैं अपने उन सभी परिस्थितियों का भी शुक्रिया अदा करती हूं जिनके कारण सदैव में डायरी लिखती रही आज मैं अपनी नई पहचान बनाने चली हूं खुद को ही खुद से संवारने चली हूं यह बदलाव अब रंग लाएगा एक नई सुबह और नहीं शाम लायेगा।