पार्ट 2
About author : : यह उपन्यास गुजरात सौराष्ट्र जागीरदार परिवार की बेटी कल्पा पर आधारित है ! उसका दर्द से भरा सफर जो कि 5 वर्ष की आयु से शुरू हो जाता है ! पहले तो पिता की मृत्यु , उसके बाद गरीबी अभाव ऊपर से भुवाओं के द्वारा सताना , यातनाएं सहना फिर 14 वर्ष की कम आयु में अपने से 10 वर्ष बड़े इंसान से विवाह और भोलेपन व कम उम्र के चलते कैसे उसके ससुराल वाले और उसका पति जो कभी उसकी भावनाओं को नहीं समझता है! उसे दर्द पीड़ा और तकलीफ देता है! जिसके कारण कल्पा टूट जाती है। तो उस का दर्द भरा सफर कैसे शुरू होता है ! जो उसे मृत्यु की शैया पर सुला देता है। और अपने दो मासूम बच्चों को रोता बिलखता हुआ इस संसार में अकेला छोड़ कर अपने अंतिम सफर पर चल देती है विस्तार पूर्वक जानने के लिए यह उपन्यास आप पढ़े!...कल्पा का दर्द भरा सफर...
About book : : नमस्कार मैं आशा राठौर (झाला) इस नावेल की लेखक, इस नावेल को लिखने का शौक मेरे मन में कब से घर कर गया था कि मैं लिखूं पर ना जाने क्यों शायद वक़्त ही नहीं था या सही वक़्त नहीं आया था | वक्त अब आया, मुझे बचपन से ही पढ़ने और लिखने का शौक रहा है | बचपन में मैंने बहुत सी कहानिया जैसे कि नंदन और चाचा चौधरी पढ़ी थी | जब मैं बढ़ी हुई तो मैंने प्रेमचंद जी के जितने भी प्रशिद्ध नावेल हैं वे सारे पढ़े हैं| मैंने कालिदास के नाटक भी पढ़े | मैंने बहुत कुछ पढ़ा जितना भी मेरे हाथ आया मैं पढ़ती गई उसके बाद फिर मुझे अब मौका मिला लिखने का | मेरी शिक्षिका कि वजह से जिन्होंने मुझे लिखने के लिए इंस्पॉयर किया और फिर मैंने लिखा जो आपके सामने फर्स्ट पार्ट में आया है जिसका नाम है कल्पा का दर्द भरा सफर पार्ट १ | मेरी गुज़ारिश है कि आप इसका पार्ट १ पढ़ें और मुझे पूरा विश्वास है कि आपको आगे पढ़ने के उत्सुकता जागेगी तो फिर आप पार्ट २ पढ़ें और मुझे उम्मीद है कि आपके सारे सवालों के जवाब मिल जायेगे, अगर फिर भी कुछ सवाल हों, उनके जवाब मैं आपसे चाहती हूँ अत: आपसे गुजारिश है कि उन सवालों के जवाब मुझे भेजें | आपसे ये भी अनुरोध कि आप सभी मेरी कहानी को पसंद करे जिससे मैं आगे भी आप सभी के लिए अच्छी - अच्छी कहानियां लेकर आऊं धन्यवाद ।