ISBN : 978-93-6087-237-3
Category : Academic
Catalogue : Historic
ID : SB20240
Paperback
399.00
e Book
199.00
Pages : 208
Language : Hindi
आज संसार में देखें तो राजनीति विज्ञान विषय का अध्ययन तीव्र गति से विकास हो रहा है और इस विषय में नवीन प्रवृत्तियां सिद्धांत प्रवेश कर रहे हैं जिसे सामान्य परिचय राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी /शिक्षकों एवं विषयक चेष्टा रखने वाले व्यक्तियों के लिए आवश्यक है! इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी अध्यायों में कोशिश किया गया है कि नवीन प्रवृत्तियों की अथा संभव आवश्यक विस्तार के साथ चर्चा की जाय! इस आशय के साथ प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिक विचार एवं सिद्धांतो को छोड़ना संभव नहीं है भारतीय राजनीतिक विचारों को राजनिति मे समायोजन कर राजनीति विज्ञान की संस्कृति एवं राजनीति को देख पाना संभव है साथ ही कई देशों एवं विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया विषय वस्तु का अध्ययन करना है! इस पुस्तक की पूर्णता में विभिन्न प्रमाणिक सहायक पाठ्य पुस्तकों लेखकों एवं विद्वानों की आकृतियों से सहयोग लिया गया है,संबंधित लेखकों प्रकाशको एवं विद्वानों का हम आभारी हैं तथा उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं इस पुस्तक के लेखन में जिन्होंने भी प्रत्यक्ष,परोक्ष सहयोग प्रदान किया है हम उन सभी का आभारी हैं आपके प्रति मात्रा प्रयास रहा है जो आप सभी सकारात्मक - नकारात्मक पहलुओं के अवलोकन विश्लेषण करें पुस्तक में रही कमियों और कृति का दायित्व मेरा है सभी के सुझावों का मैं सदैव स्वागत करता हूं और सुधार का प्रयास करूंगा! परम पिता परमेश्वर की असीम कृपा एवं परम पूजनीय दादा -दादी स्वर्गीय सहदेव पांडे एवं स्वर्गीय महादेवी के महान आशीर्वाद से ही यह पुस्तक सरकार हुई उन्हें सादर समर्पित है, पुस्तक रचना में मेरे पूज्य पिता श्री रामरेखा पांडे,माता गिरजा देवी एवं समस्त परिवार जनों का सहयोग एवं प्रेरणा मेरी शैक्षणिक अंतर दृष्टि की शक्ति रही है! इस पुस्तक की रचना में ईश्वररूपी मेरे गुरुदेव डॉ.एस.एन. सिंह, डॉ. के. पी.शर्मा,डॉ. अनूपा देवी, डॉ. उषा सिंह, डॉ.बी.पी. सिंह, प्रोफेसर रामप्रीय प्रसाद, डॉ. मालती शर्मा एवं मेरे अभिभावक डॉ.विमल मिश्रा (प्रति कुलपती )विनोबा भावे विश्वविद्यालय हज़ारीबाग, झारखण्ड, इन सबों के आशीष एवं सहयोग ने पुस्तक को साकार रूप देने में अहम भूमिका निभाई उपरोक्त सभी को मेरा हृदय से हाथ जोड़कर शत-शत नमन एवं प्रणाम करता हूं, साथ ही हमारे हृदय में निवास करने वाले सभी छोटे-बड़े और समक्ष मित्रों का सहयोग रहा है उन्हें मैं हृदय से शुक्रगुजार और नतमस्तक हूं!