A story of brother and sister
About author : आशीष शर्मा हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सरकाघाट के रहने वाले हैं | वह बचपन से ही कुछ अलग करने की सोच रखने वाले इंसान थे, सबसे अलग | उनकी इसी सोच ने उनको एक लेखक के रूप दिया |
About book : यह कहानी एक ऐसे बालक के बारे में है, जो बचपन से ही अकेलापन महसूस करता था, उस बालक का नाम छोटू था |बचपन में ही उसे परिवार की आर्थिक तंगी के कारण अपनी मां से दूर अपने ननिहाल में रहना पड़ा, इसी कारण से वह हमेशा चिंतित रहता था, अपनी मां से कब मिलेगा | उसके इस अकेलेपन को दूर किया उसकी मुंह बोली बहन किट्टू दीदी ने | किट्टू दीदी जो कि एक कंपनी में मानव संसाधन विभाग में काम करती है, छोटू की मुलाकात किट्टू दीदी से छोटू की कंपनी की जॉइनिंग के समय हुई थी | किट्टू दीदी भी उसे अपने सगे भाई से बढ़कर माना करती थी | दोनों भाई बहन देखते देखते कब एक दूसरे की जान बन गए पता ही नहीं चला, दोनों भाई बहन एक दूसरे के बिना खाना तक नहीं खाते थे, दोनों भाई बहन अपने लिए चीज लेते भी एक दूसरे की सहमति से लेते | दोनों भाई बहन में इतना प्यार बन गया था मानो सगे भाई बहन हो | किट्टू दीदी ने अपना जीवन साथी भी छोटू की मर्जी से चुना | किट्टू दीदी की शादी होने के बाद छोटू अकेला रह गया, उसे समझ ही नहीं आ रहा था, कि वह अपने दिल की बात किससे सांझा करें.....! फिर उसके दिमाग में यह ख्याल आया, क्यों न किट्टू दीदी और छोटू की कहानी को एक भाई बहन की कहानी का ही रूप दे दिया जाए | उसके इस प्रयास ने उसे एक प्रसिद्ध लेखक बना दिया | जब भी वह इस कहानी को पढ़ता तो उसे अपनी किट्टू दीदी अपने सामने पाता था | यह कहानी यही संदेश देती है कि, लड़कियों की इज्जत करना सीखो | उन्हें बहन का दर्जा दो, एक आदर्श व्यक्तित्व रखने वाले व्यक्ति की यही निशानी होती है |