About Book
"कंप्यूटर फंडामेंटल्स एवं एम.एस. ऑफिस" पुस्तक विशेष रूप से हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए तैयार की गई है। यह छत्तीसगढ़ राज्य उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रम पर आधारित है। पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमानुसार सुसंगठित, व्यावहारिक एवं उपयोगी अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है।
इस पुस्तक के संकलन में अद्यतन कंप्यूटर तकनीकों का सहयोग लिया गया है, जिससे विषय-वस्तु को आधुनिक संदर्भों के अनुरूप प्रस्तुत किया जा सके। समस्त विषयवस्तु को सरल, स्पष्ट एवं तकनीकी दृष्टिकोण से समृद्ध हिंदी भाषा में इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है कि गैर-तकनीकी पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी इसे सहजता से समझ सकें।
About Author
डॉ. कमलेश धीवर
B.C.A., M.C.A., M.Phil., Ph.D. (Computer Science & Application)
सहायक प्राध्यापक एवं वैदिक सलाहकार
Advanced Research on Applied Vedic Science (Indian Knowledge System)
डॉ. कमलेश धीवर एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जो तकनीकी शिक्षा एवं वैदिक विज्ञान—दोनों ही क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।
वे वर्ष 2006 से कंप्यूटर संकाय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं और वर्तमान में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें कंप्यूटर विज्ञान एवं अनुप्रयोगों में विशेष दक्षता प्राप्त है। उनकी स्पष्ट, सरल एवं व्यावहारिक शिक्षण शैली विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती है।
साथ ही, डॉ. धीवर एक समर्पित वैदिक सलाहकार भी हैं। वे वर्षों से Advanced Research on Applied Vedic Science के अंतर्गत ठीक न हो रहे समस्याओं एवं रोगों के समाधान हेतु विशुद्ध वैदिक परामर्श प्रदान कर रहे हैं। वे टेलीफोनिक नाड़ी (प्रकृति) परीक्षण, चित्र लक्षणम्, वाणी विश्लेषण, ज्योतिष तथा वास्तु शास्त्र जैसी प्राचीन तकनीकों द्वारा व्यक्ति की संपूर्ण स्थिति का विश्लेषण कर सटीक एवं प्रभावी समाधान प्रस्तुत करते हैं।
पिछले 5 वर्षों से, वे समय-समय पर निःशुल्क टेलीफोनिक वैदिक परामर्श का आयोजन करते आ रहे हैं, जिससे सैकड़ों लोगों को लंबे समय से बनी समस्याओं एवं रोगों से राहत के साथ ही स्वास्थ्य, संपन्नता और प्रसन्नता प्राप्त हुई है।
"जहाँ आधुनिक समाधान सीमित हो जाते हैं, वहाँ वैदिक दृष्टिकोण नए मार्ग खोलता है।"
डॉ. धीवर का उद्देश्य है – वैदिक ज्ञान को आधुनिक जीवन में सार्थकता से लागू करना और व्यक्ति के समग्र शारीरिक, मानसिक, व्यावसायिक, पारिवारिक व आध्यात्मिक कल्याण की दिशा में कार्य करना।
उनके परामर्श से लाभान्वित होने वाले प्रमुख वर्गों में वैज्ञानिक, इंजीनियर, प्रोफेसर, व्यवसायी, गृहिणियाँ और विद्यार्थी शामिल हैं।