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About author : श्री भरत लाल चौबे का जन्म ग्राम कुसमी, विकास खंड बेरला, जिला बेमेतरा में सितंबर 1936 को हुआ था। श्री चौबे जी जी एक शिक्षक थे, इसके साथ तत्कालीन परिस्थितियों के अनुरूप ग्राम के शिक्षित व्यक्ति होने के कारण पोस्ट मास्टर के रूप में भी उन्होंने कार्य किया। श्री चौबे जी ने एक कृषक के रूप में भी अपने ग्रामीण पारिवारिक ज्ञान का उपयोग किया। पारिवारिक पृष्ठभूमि सह धार्मिक कार्यों में अपनी रुचि के परिणाम स्वरूप श्री चौबे जी ने श्री मद भागवत कथा का भी वाचन किया। विभिन्न अवसरों पर उनके लेखन शैली का परिचय लोगों को उनकी कविताओं और भाषणों से होता था। उनके भजन एवं कविताओं में उनकी कार्यशैली के कारण दर्शन, आध्यात्म और ग्रामीण परिवेश के तत्व लक्षित होते हैं।
About book : । । पूज्य बाबूजी के चरणों में समर्पित।। “भरत संग्रह” एक भजन और कविता संग्रह है, जो पूज्य स्व. श्री भरत लाल चौबे जी के द्वारा स्वरचित हैं। इन कविताओं एवं भजनों का लेखन चौबे जी ने विभिन्न अवसरों पर किया है। कविता संग्रह का प्रारंभ जन्मभूमि की वंदना के साथ प्रारंभ किया गया है, आगे श्री गणेश वंदन, माँ सरस्वती की आराधना के उपरांत क्रमश: देवी दुर्गा के वंदन हेतु भजन लिखित हैं। आगे कवि ने शिव भक्ति, राम-सीता-हनुमान जी के भजनों के साथ श्री कृष्ण दर्शन पर अपना लेखन प्रस्तुत किया है। इस कविता संग्रह में देवी-देवताओं के भजनों के उपरांत आत्म चिंतन, आत्म अवलोकन से संबंधित कविताओं का लेखन किया गया है।