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ISBN : 978-81-19084-09-8
Category : Non Fiction
Catalogue : Poetry
ID : SB20450

अरे वाह!

वन, टू, थ्री, फोर. . . सिक्स
 2.0

UMA DEHARIYA

Paperback
299.00
e Book
149.00
Pages : 198
Language : Hindi
PAPERBACK Price : 299.00

About author : हर व्यक्ति के भीतर एक रचनाकर छुपा होता है। जो किसी नाम, पद, आयु, संबंध या स्थान की सीमाओं से परे होता है। जब कविताएं अवतरित होती हैं तो कवि को विविध भूमिकाएं प्रदान करती हैं। जिनका निर्वहन करना ही कवि का कर्तव्य होता है। मेरी कविताओं ने मुझे जो भूमिकाएँ दीं, मैंने बस उन्हें निभाने का प्रयास किया है। मेरी कविताएं ही मेरा परिचय हैं। अखिल डिंडोरी ईमेल- akhildindori@gmail.com

About book : पुस्तक के बारे में- हमारे जीवन में हम सभी विभिन्न परिस्थियों, अवस्थाओं, संस्कृतियों, संबंधों एवं क्षेत्रों के अनुरूप विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन करते हैं। नित नए परिवर्तनों का अनुभव करते हैं। कवि ने इन्हीं खट्टे-मीठे अनुभवों को इस पुस्तक में कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। प्रकृति, व्यक्ति, समाज, प्रेम, कर्म, प्रोत्साहन, ईश्वर, विज्ञान तथा प्रबंधन जैसे अनेक विषयों पर लिखी गई कविताएं कभी आपको भाव विभोर करती हैं तो कभी अचंभित करती हैं। इस संकलन की कविताएं एक मित्र की भांति अपनेपन का एहसास कराती हैं। जो तर्क एवं मर्म के बीच संतुलन बनाते हुए मार्गदर्शन, प्रोत्साहन, आनंद और परिस्थितियों के सामने डटकर खड़े रहने का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। साथ ही विकट परिस्थितियों में भी अपनी रचनात्मकता बनाए रखते हुए खुद को “अरे वाह!” कहने का अवसर प्रदान करती हैं।

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