ISBN : 978-93-90290-45-1
Category : Non Fiction
Catalogue : Poetry
ID : SB20029
Paperback
200.00
e Book
100.00
Pages : 94
Language : Hindi
लेखक हमेशा सोचता रहता था। कि उसके चारों ओर बहुत सारी बुराइयां फैली हुई हैं। कि हर एक इनसान के मन मे लालच, अन्धविश्वास, हिंसा, अभिमान और बहुत सारी बुरी आदतों ने हर इंसान के मन के अन्दर अपना घर कर लिया हैं। जो लोग इन के पीछे भाग रहे हैं और अपनी असल जिंदगी को भूल रहे हैं। लेखक ने इस पुस्तक में उन बुराइयों को काव्य के रूप में चित्रित किया है। इस पुस्तक को पूरा करने में अनेक मित्रों ने मेरा साथ दिया। मैं दिल की गहराइयों से उनका शुक्रिया अदा करता हूं।