About Book
प्रस्तुत पुस्तक "वेदों में पर्यावरणीय चिंतन" वर्तमान युग में सबसे ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत करती है। जैसा कि हमें महसूस हो रहा है कि प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्निंग, मौसम की स्थिति के साथ-साथ समुद्री तूफान और दुनिया भर में जंगल के क्षेत्रों को काटते हुए देखते हैं। जो वास्तव में पृथ्वी की सहायक प्रणाली के लिए खतरा है। ऐसी स्थितियों में हम प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करने के लिए वैदिक चेतना से सहयोग ले सकते हैं। हमारे दृष्टा सिखाते हैं, कि जब हम प्रकृति की रक्षा और सम्मान करेंगे। तो प्रकृति मानव जीवन की रक्षा स्वयं करेंगे ।
वस्तुतः वेदों का पर्यावरण दर्शन समाज को एक नवीन मूल्य, नवीन चेतना एवं नई ऊर्जा प्रदान कर शांति एवं कल्याण की दिशा में सराहनीय योगदान दे सकता है।
About Author
डॉ0 शंभु पासवानअसरगंज सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलारी, भागलपुर में 31 जनवरी 2017 से प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। 15 वर्षों से अध्ययन -अध्यापन कार्य कर रहे हैं ।उनका जन्म 10/10/1974 है, वे बिहार राज्य के ग्राम +पोस्ट -तेघङा, थाना- हवेली खड़गपुर , जिला- मुंगेर के स्थायी निवासी हैं ।स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विषय से स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं। साथ ही 20 जुलाई 2007 में उन्हें पी-एच डी की उपाधि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर से प्राप्त किया है I वे आई0 सी0 पी0 आर0 फैलो भी रहे हैं ।डॉ0 पासवान का दर्शनशास्त्र में काफी रुचि रही है, जिसके कारण पूरे भारतवर्ष में जहाँ कहीं भी दर्शन शास्त्र विषय पर संगोष्ठी एवं सेमिनार आयोजित होता है ।वे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं ।और अपना आलेख भी प्रस्तुत करते हैं। जिसमें 15 से अधिक आलेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हुए है।उनका एक पुस्तक भी प्रकाशित हुई है ।
1, दार्शनिक निबंध संग्रह (पर्यावरण बिशेषांक 2020)।
वे अखिल भारतीय दर्शन परिषद एवं बिहार दर्शन परिषद ,जे0आई0सी0पी0आर0 तथा भारत स्काउट और गाइड के आजीवन सदस्य हैं ।डॉ0 पासवान दर्शनशास्त्र की सेवा के प्रति समर्पित हैं।