2019 में लियो टॉलस्टॉय ( Leo Tolstoy ) की लिखी हुई किताब वार एंड पीस ( Waar and peace ) को लेकर बहुत हंगामा मचा | दरअसल हुआ ये की बॉम्बे हाई कोर्ट में भीमा-कोरेगाव (Bhima-Koregaon) के आरोपियों में से एक वर्णोंन गुंजालवेस (Vernon Gonsalves) की जमानत जो थी उसकी याचना पर सुनवाई करते हुए लियो टॉलस्टॉय (Leo Tolstoy) की वार एंड पीस (War And Peace) पर सवाल उठाया गया खबरों के मुताबिक जस्टिस सारंग कोतवाल (Justice Sarang Kotwal) ने वर्णोंन गुंजालवेस (Vernon Gonsalves) से पूछा की आप अपने घर पर वार एंड पीस (War and peace) जैसे आपत्ति जनक किताबे क्यों रखते है ? आपको इसे अदालत में एक्सप्लेन करना होगा ।
खबर दरअसल ये थी की जिस किताब की बात अदालत में हुई वो Leo Tolstoy वाली War And Peace नहीं थी वो थी War and Peace in Junglemahal: People State and Maoists" जिसे लिखा विश्वजीत रॉय ने।
खैर इस किताब के बहाने उन किताबो पर भी बात शुरू हुई की कौन कौन सी किताबे नहीं रखी जा सकती है घर में । किस तरह से हर किताब offensive हो सकती है ऐसी कई किताबे है जो बैन है यानि की आप इन्हे न तो बेच सकते है न Publish कर सकते है और न ही खरीद सकते है | और अगर ये किताब कही दिखी तो उठवा ली जाएगी।
लेखक कैथरीन मेयो
हैमिश हैमिल्टन पब्लिकेशन
लन्दन (1900)
भारत में सेल्फ रूल यानि स्व शासन की मांग उठ रही थी तब कैथरीन मेयो ने किताब लिखी थी | इसमें कैथरीन में भारत की की संस्कृति और यहाँ के पुरुषो के कमजोर होने की बात लिखी थी ।
कई लोग इस किताब को " मदर इंडिया " (Mother India) नाम की किताब से कंफ्यूज कर लेते है जो इसी लेखक की थी | और 1970 में छप कर आयी थी । लेकिन वो वाली जो किताब थी वो बैन नहीं है । Mrinalini Sinha ने एडिट की है वो किताब Avaliable है। " दी फेस ऑफ़ मदर इंडिया " को इसलिए बैन कर दिया गया था क्योकि इसमें भारत को ब्रिटिश नजरिये से देखते हुए स्व - शासन के लिए अयोग्य करार दे दिया गया था। ये किताब बैन तो है ही इसे भारत में आयात यानि Import करके लाने पर भी पाबन्दी है।
लेखक फर्रार और रैन्हार्ट (Farrar & Rinehart)
मैक्स वाईली पब्लिकेशन (Max Wylie Publication)
1993
मैक्स वाईली ने भारत में अमेरिकी मिसनरी (American missionary) के काम पे लिखा है | बताया है की वो यहाँ कैसे काम करते थे और उस समय का भारत जो था वो किन चीजों से जूझ रहा था ।
इसे इसलिए बैन किया गया क्योकि उस समय लोगो को ये किताब बहुत ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर लिखी हुई लगी । किताब में मैक्स ने भारत के क्लाइमेट का मिसनरी पर क्या असर पड़ा था वो भी लिखा था | ये किताब तभी से बैन है और इस पर कोई पुनर्विचार नहीं किया गया है | इसे इम्पोर्ट करके लाने पर भी बैन लगा हुआ है।
लेखक बरट्रड रसेल (Bertrand Russell)
साइमन एंड शस्टर (Simon & Schuster)
1963
वैसे ये क्यूबा की मिसाइल क्राइसेस के बारे में लिखा है | लेकिन भारत और चीन के बीच हुए 1962 के युद्ध के बारे में भी बरट्रड रसेल ने इस किताब में लिखा है।
इसमें भारत के स्टैंड को लेकर बरट्रड काफी क्रिटिकल दिखे है। इस बात को लेकर किताब के रिलीज़ होने पर ही इसे भारत में बैन कर दिया गया । वैसे बरट्रड के भारत के साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे थे लेकिन उन्होंने इंडो चाइना युद्ध में भारत की आलोचना की तो ये किताब बैन हो गई ।
लेखक सज्जाद जहीर, अहमद अली, डॉक्टर राशिद जहाँ, महमूद- उज-जफर
सेल्फ-पब्लिकेशन (Self Publication)
1932
छोटी-छोटी 9 कहानियाँ थी उर्दू में एक नाटक भी था । पतली सी किताब थी । डी. एच. लॉरेंस और वर्जिनिया वूल्फ से प्रभावित हो कर एक नए लहजे में ये कहानियाँ जो थी वो लिखी गई थी।
इस किताब ने उर्दुदा लोगो के बीच हलचल मचा दी थी । उत्तर भारत के मुस्लमान काफी नाराज़ हुए थे इस किताब को लेकर ऐसा पढ़ने को मिलता है । क्यों की मुस्लिम समाज के भीतर फैली हुई जो धार्मिक कट्टरता थी और जो पितृ सत्ता थी उसको ये किताब चुनौती दे रही थी । इसलिए ये किताब बैन कर दी गयी। पोलिस ने सभी कॉपिया बर्बाद कर दी 5 को छोड़ कर । उन्ही 5 की बदौलत किताब में लिखी हुई जो चीजे है वो बच सकी।
लेखक अल सफी, अल मेहदी
वाइन प्रेस पब्लिकेशन
1999
The True Furqan में कुरान की सीखो को क्रिस्चनाटी से मिला जुला कर लिखा गया है |
ऐसे आरोप लगे की मुस्लिमो का मजाक उड़ाने के लिए रखी गई है | यही नहीं उन्हें अपने धर्म के रस्ते से हटाकर उन्हें इसाई धर्म अपनाने के लिए ये किताब प्रोत्साहित करती है ऐसा कहा गया | ये किताब भारत में इम्पोर्ट कर के भी नहीं लाइ जा सकती, भारत सरकार ने ये साफ साफ लिखा है |
लेखक डी एच लॉरेंस (D. H. Lawrence)
इटली (1928) पहले प्राइवेट
उसके बाद पेंगुइन पब्लिकेशन
एक शादीसुदा महिला लेडी चैटरली जो है उनका पति है वो कमर से निचे पैरेलाइसड हो जाता है | उसके बाद लेडी चैटरली का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होता है, परिवार के लिए शिकार कर के लाने वाले आदमी के साथ |
इसे ब्रिटिश राज ने बैन कर दिया था | आज तक ये किताब बैन है | जबकि 1960 में ब्रिटेन ने बैन हटा लिया था | लेकिन भारत में अभी भी ये किताब बैन है | 1964 में ये किताब बेच रहे रंजित उदेशी पर ये मामला दर्ज हुआ था | इसमें ये कहा गया की काफी अश्लीलता है इसमें, और इस वजन से यह समाज के लिए स्वीकार्य किताब नहीं है |
लेखक कर्ट फ़्रिस्लर ( Kurt Frischler)
बैरी एंड रॉकलिफ पब्लिकेशन Barrie & Rockliff
1963
पैगम्बर मुहम्मद की पत्नी आयशा के ऊपर लिखी गई किताब है ये | असली वर्जन जो था वो जर्मन भाषा में था | किताब का पूरा नाम था आयशा : मुहम्मद की पसंदीदा बीवी |
इसपर बहस हुई की मुस्लिमो की भावनाओ को आहात करने वाली किताब है | मुहम्मद की पत्नी आयशा के कम उम्र होने के बात पर काफी विवाद पहले भी हुए है | इस किताब को बैन किया गया | इसके आयत पर भी पाबन्दी है|
लेखक स्टैनली वोलपर्ट ( Stanley Wolpert)
रैंडम हाउस पब्लिकेशन (Random House)
New York, 1962
महात्मा गाँधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के बारे में ये किताब लिखी गई है |
इस किताब में लिखा था की महात्मा गाँधी की सुरक्षा में हुई भूल की वजह से उनकी हत्या हुई | किताब में University of California के हिस्ट्री प्रोफेसर स्टैनली वोलपर्ट ने ये इशारा किया किए गृह मंत्रायल ने हत्या वाले दिन महात्मा गाँधी की सुरक्षा में ढील दी थी | इस तरह कोई सद्यंत्र होने की जो आशंका थी वो इस किताब में दिखाई गई | ये किताब और इस पर बनी फिल्म दोनों ही भारत में बैन की गई |
लेखक पंडित चमूपति ऍम ए - ( कुछलोग कहते है ये लेखक का आसली नाम नहीं है )
मोहम्मद रफ़ी पब्लिकेशन ( इसके बारे में भी लोगो के आलग आलग मत है )
1927
पैगम्बर मुहम्मद की शादियों के बारे में बताया गया है |
1920 के दशक के दौरान पंजाब में आर्य समाज और मुस्लिमो में बन नहीं रही थी | ऐसा कहा गया की एक पोस्टर में सीता को वैश्या की तरह दिखाया गया था उसेक जवाब में यह किताब लिखी गई इस किताब में पैगम्बर मुहम्मद की कई पत्निया होने पर तंज कसा गया है | यह किताब अभी भी बैन है |
लेखक अज़ीज़ बेग - ( Aziz Beg )
अलायड बिज़नस कारपोरेशन ( Allied Business Corporation )
1957
कश्मीर और भारत की रिलेशनशिप पर यह किताब लिखी गई है | पूरा नाम है Captive Kashmir : Story of a Betrayed and Enslaved People यानि कैदी कश्मीर : धोखा खाए और गुलाम बनाये गए लोगो की कहानी |
इस किताब में कश्मीर को लेकर भारत का क्या रुख है , जो रुख है उसकी आलोचना की है है | भारत के रुख को क्रूर और दमनकारी बताया गया है | ये किताब आयात कर के भी नहीं लाइ जा सकती है |
ये किताबे महज एक उदहारण है, The Satanic Verses, खाक और खून, Nehru: A Political Biography जैसी कई किताबे है जो बैन है | हलाकि ये बता दे की ये जो किताबे है PDF या ebook के रूप में उपलब्ध है | लेकिन उनपर लगा बैन इस बात से हल्का नहीं हो जाता |
कई लोगो का मानना है की इस तरह के कदम का इस्तेमाल कई मामलो में अभियक्ति की स्वतंत्रता को कम करने के लिए किया जाता है | इसपर बहस जारी है | लेकिन इन किताबो पर से बैन हटने की कोई उम्मीद हो ऐसा दिखाई नहीं देता |