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ISBN : 978-81-19281-67-1
Category : Non Fiction
Catalogue : Philosophy and Religion
ID : SB20559

मैं, एक सन्यासी और वो तीन रातें

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Tapan Mukherjee

Paperback
245.00
e Book
99.00
Pages : 99
Language : Hindi
PAPERBACK Price : 245.00

About author : मैं पेशे से एक फिल्म निर्माता हूं. ईश्वर की कृपा से डिस्कवरी, वाइल्डलाइफ और टूरिज्म पर फिल्मों की सीरीज बनाने का मौका मिला। मेरे सभी कार्यों में भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों पर बनी मेरी एक फिल्म शीर्ष पर है। एक लेखक के तौर पर मैंने कई किताबें लिखी हैं। मेरी एक कॉफ़ी टेबल बुक KEDARNATH 32 days before devastation, कुछ साल पहले प्रकाशित हुई है। अब मैं अपने सभी पुराने कार्यों को आप सभी के सामने लाने की योजना बना रहा हूं।

About book : यह पुस्तक एक संत के उत्तरों पर आधारित है। उन दिनों मैं पूरी तरह नास्तिक हो गया था। मेरे पास अवतारों से जुड़े कई प्रश्न थे, दुर्भाग्य से कोई भी ठीक से उत्तर नहीं दे सका। प्रश्न बहुत तार्किक थे, जैसे कि भगवान श्री राम ने बाली को पीछे से क्यों मारा? भगवान श्री राम ने अपनी गर्भवती पत्नी को वन में क्यों भेजा? जब पांडवों ने श्री कृष्णा के निर्देश और मार्गदर्शन से, कौरवों के सभी सूरवीरों को मार डाला, तब भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को उनपर लगे हत्या के पाप से क्यों नहीं बचाया? भगवान श्री कृष्ण की सोलह हजार पत्नियाँ क्यों थीं ? इत्यादि। मैं ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति से कहीं अधिक, विज्ञान पर विश्वास करने लगा था। यह संयोग की बात थी कि मैं क़ुदरना नामक स्थान पर गया, जहां मेरी मुलाकात एक संत से हुई। मैंने उन्हें भी एक साधारण मानव समझा और वही सवाल कर डाले। उस महापुरुष ने साबित कर दिया कि ईश्वर कि सत्ता से बढ़कर कोई भी सत्ता नहीं है। उन्होंने मुझे जीवन की सही राह दिखायी। यह किताब तीन दिन और तीन रातों की पूरी घटना का वर्णन करती है। मुझे आशा है कि यह आपको रुचिकर लगेगी। - तपन मुख़र्जी

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