ISBN : 978-93-6087-865-8
Category : Academic
Catalogue : Reference
ID : SB21315
Paperback
300.00
e Book
150.00
Pages : 93
Language : Hindi
इस पुस्तक में 'जल चिकित्सा' द्वारा मानव शरीर पर किये जाने वाले अनेक उपचारों को वैज्ञानिक आधार पर समझाने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक के माध्यम से हर उम्र और हर बीमारी के मरीज़ों का इलाज घर बैठे ही किया जा सकता है। हाइड्रोथेरेपी के जनक विन्सेन्ज़ो प्रिस्निज, फादर सेबेस्टियन निप, लुई कुने के आविष्कारों और प्रचार-प्रसार के माध्यम से हाइड्रोथेरेपी उन्नति के शिखर पर पहुंच गई है। इस पुस्तिका में हाइड्रोथेरेपी के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की सारी जानकारी शामिल है। यह पुस्तक में दिया गया है: जल चिकित्सा द्वारा बीमारी का इलाज कैसे करें। जिसमें इलाज के बारे में बताया गया है. एनिमा, कटीस्नान, भाप स्नान, पाद स्नान, गर्म कटीस्नान, गर्म -ठंडा कटीस्नान, न्यूट्रल कटीस्नान, मेरूदंड स्नान, ठंडे पानी की पट्टी, रीढ़ की ठंडी पट्टी, पेट की लपेट, गले की लपेट, छाती की लपेट, पैर की लपेट, साधारण स्नान, मेहन स्नान, गीली चादर लपेट, बाष्प स्नान, सौना बाथ, इमर्शन स्नान, ठंडा इमर्शन स्नान, गर्म इमर्शन स्नान, पैरो का गर्म स्नान, पैरो का ठंडा स्नान आदि का वर्णन बहुत ही सरल तरीके से बताया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा के विशेषज्ञ लेखक ने पिछले 10 वर्षों में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से हजारों असाध्य रोगियों को ठीक किया है। उनकी पुस्तक इस व्यावहारिक ज्ञान का प्रामाणिक दस्तावेज़ है। जल, आकाश, मिट्टी, वायु और अग्नि से मिलकर पंचमहाभूत का निर्माण होता है। इस पंचमहाभूत में जल चिकित्सा बहुत महत्वपूर्ण है। "यथा पिंडे, तथा ब्रह्माण्डे" के अनुसार जो हमारे शरीर में है, वही सभी चीजें ब्रह्मांड में भी हैं। ब्रम्हांड में 70% पानी है उसी प्रकार हमारे शरीर में लगभग 70% पानी होता है। इस पुस्तक में हम जल चिकित्सा के जादुई इलाज के बारे में पढ़ेंगे। आपको पसंद आने पर आप अपने दोस्तो को पढ़ने के लिए दिजिए।