About Book
इस पुस्तक के माध्यम से मैने वर्तमान भारतीय शिक्षा पद्धति में बालक का सम्पूर्ण विकास जो कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य भी है को भूलकर केवल एक भाग पर ध्यान देने और प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति के आधार पर उसमें सुधारात्मक तथ्य शामिल करने और इसे बेहतर बनाने की और ध्यान आकर्षित करने का एक प्रयास किया गया है।
About Author
महेश कुमार मनोहरलाल शर्मा वर्तमान में एस.एन.एस.कॉलेज ऑफ एजुकेशन जावरा, जिला रतलाम (म.प्र.) में प्राचार्य के पद पर कार्यरत है। आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह निवास नगरी जिला मन्दसौर से व उच्च शिक्षा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से प्राप्त की। आपने तीन विषय मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर शिक्षा में पी.एच.डी. (डॉक्टरेट) की उपाधि पेसीफिक विश्वविद्यालय उदयपुर (राज.)से प्राप्त की। आप पिछले 21 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े है। आपके अभी तक 15 से अधिक शोधपत्र व लेख देश के विभिन्न जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके है। वही 15 से अधिक राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेकर आपने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज की है। साथ ही शिक्षक - शिक्षा के क्षेत्र में आप एक विशिष्ट स्थान रखते है जिसके लिए आपको कई राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया है । इस पुस्तक से पहले आपकी " भारतीय शिक्षा की उड़ान" व "भारतीय शिक्षा और संस्कृति" जैसी उत्कृष्ट व शिक्षा उपयोगी पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है।