Anubhutiyo bhari kahani
5.0
About author : नाम – डॉ मधुछन्दा चक्रवर्ती जन्म-23 अप्रैल 1983 माता का नाम – श्रीमति अनिता चक्रवर्ती पिता का नाम—श्री अनिल कुमार चक्रवर्ती पति का नाम – श्री संदीप पुरकायस्थ गृह क्षेत्र – असम भाषा – हिन्दी, बांग्ला, अंग्रेजी शिक्षा – हिन्दी एम.ए तथा पी.एच.डी विधाएँ-- कहानी, कविता, संस्मरण, आलोचना शोध प्रबंध – पं. सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के उपन्यास साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन। मुख्य कृतियाँ कहानी- 1 बुलबुला, 2 फैसला (समनव्य पूर्वोत्तर पत्रिका में प्रकाशित), 3 मासूम (साहित्यसुधा वेबसाइट में प्रकाशित) 4 दावानल (विश्व हिन्दी साहित्य पत्रिका, विश्व हिन्दी सचिवालय द्वारा 2019 में प्रकाशित), 5 अजनबी, 6 वीरजाया ( साहित्य सुधा वेबसाइट में प्रकाशित), 7 तुम्हारी नालायक पत्नी (अनहद कृति वेब पत्रिका में प्रकाशित) कविता- 1 बचपन से आजतक, 2 एक दिन, 3 भूख,4 रिश्तें, 5 ऐसा क्यों होता है?, 6 मेरे बाग के फूल, 7 रंग जिन्दगी के, 8 सवाल नज़रों का, 9 हज़ारों ख्वाहिशें दिल में,10 न मजबूर करों किसी को, 11 चाह कर भी, 12 तेरे साथ -(अनुभूति, मुक्त कथन, तथा वैश्य-वसुधा तथा प्रतिध्वनि पत्रिका में प्रकाशित) 13 विशाल गगन, 14 हौसला ( साहित्यसुधा वेबसाइट में प्रकाशित) 20 कविताओं का कविता कोश वेबसाइट में संकलित, कई अन्य कविताएँ सिलचर असम के प्रेरणा भारती हिन्दी पत्रिका में प्रकाशित। संस्मरण -- लीला, मोइदा-ओइ-दे (साहित्यसुधा वेबसाइट में प्रकाशित) अनुवाद – खूंटी (सिलेठी बांग्ला लेखिका श्रीमति अनिता चक्रवर्ती की कहानी खूंटी का हिन्दी अनुवाद)(प्राज्ञ साहित्य वेबसाइट में प्रकाशित), दो भाई(सिलेठी बांग्ला लेखिका श्रीमति अनिता चक्रवर्ती की कहानी का हिन्दी अनुवाद)(नारी दर्पण में प्रकाशित) सम्पादित पुस्तकें – आधुनिक युग में प्रेमचन्द साहित्य की प्रासंगिकता(मुख्य सम्पादक), प्रवासी साहित्य और हिन्दी भाषा का महत्व(मुख्य सम्पादक), गद्य आलोक (गद्य संकलन) पुस्तक – उपन्यासकार निराला- एक अध्ययन (साहित्य संचय प्रकाशन द्वारा 2019 में प्रकाशित) कई शोध-आलेख प्रतिष्ठित एवं यू.जी.सी पत्रिकाओं तथा पुस्तकों में प्रकाशित। सम्मान – श्री नवमान पब्लिकेशंस द्वारा वर्ष 2020 में ‘कलमकार’ साहित्य सम्मान से सम्मानित, विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा वर्ष 2021 में ‘श्रेष्ठ कवयित्री सम्मान’ से सम्मानित। वर्तमान – सहायक प्रोफे
About book : इस पुस्तक में लेखिका ने अपने जीवन में घटित कुछ वास्तविक घटनाओं एवं सुने हुए किस्सों को आधार बनाकर कहानियों की रचना की है। कल्पना के साथ-साथ यथार्थ के सही ताल-मेल को बनाए रखने का भरपूर प्रयास किया गया है। प्रत्येक कहानी अपने-आप में पाठकों से कुछ कहना चाहती हैं। युवा पाठकों को भी ये कहानियाँ अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम हैं।