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भवानी गंगा की चौपाल
ISBN : 978-93-93557-34-6
Category : Non Fiction
Catalogue : Novel
ID : SB20213

भवानी गंगा की चौपाल

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डॉ अनिल कुमार कोरी (Dr. Anil Kumar Kori)

Paperback
200.00
e Book
99.00
Pages : 82
Language : Hindi
PAPERBACK Price : 200.00

About author : लेखक का परिचय 1- रचनाकार का पूरा नाम-डॉ अनिल कुमार कोरी 2- पिता का नाम- स्व. श्री भवानी प्रसाद 3- माता का नाम- श्रीमती गंगा बाई 4- पत्नी का नाम- श्रीमती विनीता पैगवार "विधि" 5- वर्तमान/ स्थाई पता- 1083, संजीवनी नगर, गढ़ा, जबलपुर, मध्य प्रदेश -482 003 6- फोन नंबर-0761-3552628 वाटस एप नंबर-91-9425356998, 9302238912 ई मेल akkori1@rediffmail.com, akkori2013@gmail.com 7- शिक्षा- मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग एंड पीएचडी 8- जन्म तिथि- 01\06\ 1967 9- व्यवसाय- प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष विद्युत विभाग, उप-प्राचार्य, इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर म.प्र. 10. संस्थापक, अंतस साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक संस्था जबलपुर (म.प्र) 11. पूर्व अध्यक्ष सांस्कृतिक प्रकोष्ठ : प्रसंग साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक संस्था जबलपुर(म.प्र.) 12. प्रकाशन विवरण : दैनिक भास्कर, पत्रिका, समाचार रेखा जबलपुर एवं लोकजंग भोपाल के समाचार पत्रों में रचनाओं का प्रकाशन, सखी साहित्त्य संग्रह गुआहाटी, सजल सृजन मथुरा, काव्य संग्रह मुम्बई, सजल संग्रह छत्तीसगढ से प्रकाशित पुस्तक में रचनाएँ प्रकाशित हुई 12. सम्मान: i) विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा "हिंदी सेवा सम्मान" ii) नायाब सखी साहित्य संस्था द्वारा "साहित्त्य गौरव सम्मान" iii) हिन्दी ग्राम मातृभाषा उन्नययन संस्थान द्वारा " भाषा सारथी सम्मान" iv) नायाब सखी साहित्य परिवार द्वारा "विशिष्ठ साहित्य सम्मान" v) पाथेय संस्था द्वारा "पाथेय सृजन श्री अलंकरण" vi) जागरण साहित्य संस्था द्वारा "साहित्य कला गौरव अलंकरण" vii) अन्तरा शब्द शक्ति सम्मान - 2018 viii) गूंज संस्था द्वारा अभिनंदन ix) विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा "श्रेष्ठ शब्द शिल्पी सम्मान" x) अखिल भारतीय हिन्दी सेवा समिति म.प्र. द्वारा "काव्य शिरोमणि अलंकरण" -2019 xi) तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिये पं. औंकार प्रसाद तिवारी अलंकरण -2019 xii) हिन्दी भाषा के उन्नयन में विशेष योगदान के लिये उत्तर प्रदेश राजभाषा संस्थान लखनऊ एवं सजल सर्जना मथुरा के द्वारा 'सजल सेवा रत्न' सम्मान -2019 xiii) साहित्य के क्षेत्र में योगदान हेतू साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक संस्था प्रसंग जबलपुर के द्वारा 'शब्द शि

About book : "भवानी गंगा की चौपाल" गद्य लेखन विधा की मेरी पहली कृति है। इसके पूर्व मेरी पाँच कृतियाँ देश के विभिन्न प्रकाशनों से प्रकाशित हो चुकी हैं, जो सभी मेरी काव्य कृतियाँ हैं। इन कृतियों में से एक कृति में मैंने सह सम्पादन का कार्य भी किया है। यह कृति मेरे लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, कि इसके माध्यम से मैने न केवल समाजिक पहलुओं को छुआ है, बल्कि विभिन्न परिस्थितियों के रहन-सहन, हमारे देश का उत्तर से दक्षिण का परिवेश, संस्कृति एवं विभिन्न महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों का वर्णन समाहित है, साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियों का परिपालन एवं संयुक्त परिवार के सुन्दर जीवन चित्रण, आनंद उत्सव को भावपूर्ण लेखन में परिलक्षित किया गया है। लेखन में मेरा प्रयास रहा है कि उन बातों को उजागर किया जाए जिसमें लोग जागरुक हों, जैसे पक्के शौचालयों का निर्माण, गाय भेंस आदि अनेकों जीवों के प्रति सभी संवेदनशील बनें। घरों के आसपास पानी का भराव नहीं होना चाहिए। बच्चों को और समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी इस लेखन के माध्यम से किया गया है। मैंने लेखन के द्वारा विपरीत परिस्थितियों में भी उन्नति की राह पर कैसे अग्रसर होते जाना है, जैसी बातों का उल्लेख किया है। मुझे विश्वास है, कि आप पाठकों को यह कृति जरूर पसंद आयेगी। आप सभी को सादर प्रणाम। डॉ अनिल कुमार कोरी कृतिकार

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